हाल ही में भारत के हरियाणा राज्य के नूंह से सोमवार को हिंसा की खबर आई थी और ये हिंसा बृजमंडल यात्रा के दौरान हुई. जब ये यात्रा चला रही थी तब इस यात्रा पर पथराव हुआ और ये पथराव की घटना हिंसा में बदल गयी और इस दौरन सैकड़ों कारों को आग लगा दी गई थानों पर भी हमला किया गया. वहीं नूंह शुरू हुई ये हिंसा की आग सोहना भी पहुंच गयी साथ ही इस हिंसा का असर गुरुग्राम में देखने को भी मिला जिसके बाद यहाँ की सरकार ने इस हिंसा के बाद कई सारे कदम उठाये. वहीं अब इस हिंसा में मोनू मानेसर का नाम सामने आया है और इस हिंसा के लिए मोनू मानेसर को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.
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जानिए कौन है मोनू मानेसर
मोनू मानेसर का असली नाम मोहित यादव है और वो बजरंग दल से जुड़ा हुआ है साथ ही ये शख्स खुद को गो रक्षक भी बताता है. मोनू मानेसर की उम्र 28 साल है और वो गुरुग्राम-रेवाड़ी-नूंह क्षेत्र में लगभग 50 गोरक्षकों के एक नेटवर्क की देखरेख भी करता है। मोनू दावा करता था कि वो पुलिस की गो तस्करों को पकड़ने में सहायता करता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 2012 में पुलिस ने खून से लथपथ एक ट्रक जब्त किया था और इस ट्रक में गोवंश की लाशे थीं वहीं इस दिन से मोनू मानेसर ने तय किया कि मैं किसी भी गाय को मरने नहीं दूंगा और तभी से वो गो रक्षक बन गया.
नैद औऱ नासिर हत्याकांड में मोनू मानेसर था आरोपी
वहीँ मोनू मानेसर पर आरोप है कि जुनैद औऱ नासिर हत्यांड में मोनू मानेसर आरोपी है। दरअसल, हरियाणा के भिवानी जिले में 16 फरवरी को बोलेरो गाड़ी में 2 जली हुई लाशें मिली थीं और ये लाशें राजस्थान के गोपालगढ़ घाटमिका गांव के रहने वाले जुनैद और नासिर की थीं वहीं जब इस मामले की जाँच की गयी तब इन दोनों को हरियाणा के कुछ गौरक्षकों ने मिलकर किडनैप किया और फिर जिंदा जला दिया। वहीँ इस मामले में मोनू मानेसर उर्फ मोहित यादव का नाम सामने आया था.
मोनू की वजह से हुई हिंसा
वहीं हरियाणा के नूंह की शोभायात्रा से पहले मोनू ने एक वीडियो सामने आया था और इस विडियो में कहा जा रहा था मोनू इस यात्रा में शामिल होगा और इसी बात से मेवात के लोगों के बीच नाराजगी थी और इस नाराजगी की वजह नूंह में शोभायात्रा के प्रवेश करते ही पत्थरबाजी और फायरिंग की गई और अब इस हिंसा आग देखते ही देखते बढ़ती गयी. ज्सिके बाद अब इस मामले में मोनू मानेसर को दोषी माना जा रहा है.
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