वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी बी श्रीनिवासन को हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) का महानिदेशक नियुक्त किया गया। श्रीनिवासन 1992 बैच के बिहार कैडर के पुलिस अधिकारी हैं। उन्होंने आईपीएस नलिन प्रभात की जगह ली है। NSG की बात करें तो NSG कमांडो देश की एक विशेष सुरक्षा इकाई है। आमतौर पर NSG कमांडो को आतंकवाद विरोधी अभियानों, अपहरण, सामूहिक अपहरण और हाई-प्रोफाइल सुरक्षा स्थितियों से निपटने के लिए तैनात किया जाता है। लेकिन क्या होगा अगर कोई एनएसजी कमांडो किसी आम आदमी को गोली मार दे? ऐसी स्थिति में आइए जानते हैं उस कमांडो के खिलाफ किस तरह की कार्रवाई की जाएगी।
किस तरह का कानून होता है लागू
आतंकवाद से लड़ने और विशेष सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित, एनएसजी कमांडो केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और भारतीय सशस्त्र बलों से चुने गए कुलीन योद्धा हैं। ब्लैक कैट कमांडो एनएसजी कमांडो के लिए एक और लोकप्रिय उपनाम है। उनके अनुशासन, प्रशिक्षण और बन्दूक प्रवीणता का स्तर नियमित सुरक्षा सैनिकों से कहीं अधिक है। फिर भी, भारतीय कानून किसी एनएसजी कमांडो को उत्तरदायी ठहराता है यदि वह किसी भी गैरकानूनी व्यवहार में शामिल होता है या किसी की हत्या करता है।
इस धारा के तहत चलता है केस
ड्यूटी के दौरान एनएसजी कमांडो के खिलाफ उसी तरह की कार्रवाई की जाएगी जैसे किसी आम भारतीय नागरिक के खिलाफ की जाती है अगर वह किसी आम आदमी को किसी कारण से गोली मारता है। दूसरे शब्दों में, अगर किसी व्यक्ति को गोली लगती है और उसकी मौत हो जाती है तो एनएसजी कमांडो के खिलाफ धारा 302 के तहत शिकायत दर्ज की जाएगी। भारतीय न्यायिक संहिता अब इस धारा को धारा 103 के रूप में उपयोग करती है। दोषी पाए जाने पर एनएसजी कमांडो को एक आम नागरिक के समान ही सजा मिलेगी।
अगर किसी ऑपरेशन के दौरान गोली मार दे तब?
अगर किसी ऑपरेशन के दौरान गलती से NSG कमांडो किसी आम आदमी को गोली मार देता है और आम आदमी की मौत हो जाती है तो उस स्थिति में सिविल कोर्ट खुद मामले का संज्ञान ले सकता है। दरअसल आर्मी कोर्ट में सिर्फ सेना के जवानों पर ही मुकदमा चलता है। NSG कमांडो सेना के अधीन नहीं आते। इसमें भारतीय सेना के जवानों की भर्ती भी नहीं होती। यह विशेष बल गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करता है। जबकि, भारतीय सेना रक्षा मंत्रालय के अधीन आती है।
1984 में हुई थी एनएसजी की स्थापना
नेशनल सिक्योरिटी गार्ड, जिसे ब्लैक कैट के नाम से जाना जाता है, की स्थापना 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार से पहले हुई थी। इसका मुख्य काम आतंकवादियों और अपहरण से निपटना है। NSG कमांडो को ज़मीन के साथ-साथ हवा और पानी में भी युद्ध करने का प्रशिक्षण दिया जाता है।
एनएसजी का क्या होता है काम?
आपको बता दें कि NSG की प्राथमिक जिम्मेदारी घरेलू आतंकवादी गतिविधियों से निपटना है। इसके अलावा, NSG कमांडो देश के उन VIP और VVIP लोगों के बीच तैनात रहते हैं जिन्हें Z प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त होती है। NSG देश का प्राथमिक सुरक्षा संगठन है और यह केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन है।