पंजाब की राजनीति में शनिवार को एक बड़ी घटना घटी। राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। लंबे वक्त से पंजाब कांग्रेस में फूट की स्थिति बनी हुई थीं, जिसका अंजाम यही हुआ कि कैप्टन को अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा।
कैप्टन ने कहा कि वो बीते कुछ दिनों से पंजाब में अपमानित महसूस कर रहे थे। अमरिंदर के इस्तीफे के बाद पंजाब की सियासत उफान पर है। राज्य का अगला सीएम कौन होगा, इसको लेकर चर्चाएं जोरों शोरों पर चल रही है।
अब क्या करेंगे कैप्टन?
इस बीच सवाल ये भी उठ रहा है कि कैप्टन के राजनीतिक भविष्य का क्या होगा? वो कांग्रेस में ही रहेंगे या फिर किसी दूसरी पार्टी का हिस्सा बनेंगे? इसके अलावा कैप्टन कोई नई पार्टी बनाएंगे? अमरिंदर सिंह का आने वाले कदम क्या होगा? उनके पास क्या क्या विकल्प हैं, आइए ये जानने की कोशिश करते हैं…
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भले ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया हो, लेकिन वो अभी कांग्रेस का हिस्सा हैं। हालांकि वो ये भी साफ कर चुके हैं कि अगर कांग्रेस सिद्धू को मुख्यमंत्री बनाती हैं, तो वो इसका विरोध करेंगे। अटकलें लगाई जा रही हैं कि कैप्टन कांग्रेस के साथ अपना सालों पुराना साथ छोड़ सकते हैं।
क्या नई पार्टी बना सकते हैं अमरिंदर?
अमरिंदर सिंह के इस्तीफा देने के बाद ये चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं कि क्या वो कोई नई पार्टी बनाने की तैयारी में हैं? हालांकि कैप्टन के लिए ये राह थोड़ी मुश्किल लगती है। जानकार मानतें हैं कि 79 साल के कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए अपनी पार्टी बनाकर चुनाव में उतरना मुश्किल होगा। इसकी संभावनाएं कम ही दिख रही हैं। इस उम्र में उनके लिए पार्टी बनाना और उसे चलाना आसान नहीं होगा। वहीं 1982 में अकाली दल से अलग होने के बाद अमरिंदर ने ऐसा किया था और अपनी अलग पार्टी बनाई थीं। लेकिन 1988 में उन्होंने अपनी पार्टी का विलय कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था।
AAP-अकाली दल में जाने की संभावनाएं क्यों कम?
ऐसे में उनके पास दूसरा ऑप्शन ये हैं कि वो किसी दूसरी पार्टी में शामिल हो जाएं। इसके लिए उनके पास बीजेपी, आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल (SAD) ऑप्शन हैं। वहीं ऐसी भी संभावना कम ही मानी जा रही हैं कि कैप्टन AAP या SAD में से किसी पार्टी में जाएं।
जब से AAP ने पंजाब की राजनीति में दस्तक दी, कैप्टन पार्टी के संयोजक केजरीवाल के खिलाफ ही रहे। साथ ही वो ये नहीं चाहेंगे कि उनके जूनियर नेता ऊपर हों। ऐसे में उनकी आम आदमी पार्टी में जाने की संभावना कम लग रही है।
बाद अकाली दल की करें, तो कैप्टन पहले पार्टी का हिस्सा रह चुके हैं। अकाली दल छोड़ने के बाद उन्होंने कांग्रेस ज्वॉइन की थीं। अमरिंदर सिंह ने अकाली दल का साथ छोड़ने के बाद वो पार्टी के खिलाफ रहे। ऐसे में उनकी वहां भी जाने के चांस कम लगते हैं।
तो बीजेपी से हाथ मिलाएंगे कैप्टन अमरिंदर सिंह?
सबसे ज्यादा चर्चाएं हो रही हैं कि कैप्टन अमरिंदर सिंह अब बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। दरअसल, बीजेपी और अमरिंदर एक दूसरे के लिए बेस्ट ऑप्शन माने जा रहे हैं। पीएम मोदी के साथ अमरिंदर सिंह के रिश्ते अच्छे रहे हैं। क्योंकि अमरिंदर की पहचान एक राष्ट्रभक्त के तौर पर होती हैं और बीजेपी भी राष्ट्रवाद की राजनीति करती नजर आती हैं। इसके अलावा कृषि कानून पर किसानों और बीजेपी के बीच लंबे वक्त से जारी तकरार को सुलझाने में कैप्टन एक अहम फैक्टर साबित हो सकते हैं। कैप्टन को किसानों का खासा समर्थन भी हासिल है। दूसरी ओर पंजाब चुनावों में सीएम फेस के लिए बीजेपी के पास कोई बड़ा चेहरा भी मौजूद नहीं। ऐसे में कैप्टन बीजेपी के लिए और बीजेपी कैप्टन के लिए एक बेहतर ऑप्शन हो सकती हैं।