4 राज्यों और एक केंद्र शासित
प्रदेश में चुनाव की तारीख अब काफी नजदीक आ गईं। जिसके चलते इन सभी जगहों का
सियासी पारा अपने चरम पर पहुंचा हुआ। वैसे तो चुनाव 5 जगहों पर होने जा रहे हैं,
जिसमें पश्चिम बंगाल के साथ साथ असम, तमिलनाडु,
केरल और पुडुचेरी शामिल हैं। लेकिन सबसे ज्यादा चर्चाओं में पश्चिम
बंगाल के चुनावों हैं।
यहां सत्ता हासिल करने की जंग दिन पर दिन तेज होती
जा रही हैं। बंगाल में जहां एक तरफ ममता बनर्जी हैं जो 10 सालों से बंगाल की सत्ता
पर काबिज हैं। उनके सामने इस बार सत्ता बचाए रखने की चुनौती हैं। तो दूसरी ओर
बीजेपी जिसने पिछले बार के विधानसभा चुनावों में बंगाल में केवल तीन ही सीटें जीती
थीं, वो इस
बार यहां अपनी सरकार बनाने की कोशिशों में जुटी हैं।
घरों में काम करने वाली मेड को मिला टिकट
पश्चिम बंगाल की ये सियासी लड़ाई दिलचस्प मोड़
लेती हुई नजर आ रही हैं। बीजेपी ने सत्ता हासिल करने के लिए बंगाल में अपनी
दिग्गजों की फौज लगा दी। जहां पार्टी कई दिग्गज नेताओं को बंगाल के चुनावी मैदान
में उतार रही हैं। वहीं इसी बीच बीजेपी ने एक कदम उठाकर हर किसी को हैरत में डाल
दिया।
दरअसल, बंगाल चुनावों के लिए बीजेपी ने एक मेड यानि घरों
में काम करने वाली महिला को भी टिकट दिया। जी हां, घरों में
काम करके महीने के 2500 रुपये कमाने वाली कलिता मांझी को बीजेपी ने अपना उम्मीदवार
बनाया। पार्टी ने उनको पूर्व बर्धमान के आउसग्राम विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया।
एक महीने की लेगीं छुट्टी
कलिता मांझी ने इन चुनावों में प्रचार करने के
लिए छुट्टी मांगी हैं। वो शुक्रवार से चुनाव प्रचार में जुट चुकी हैं और इसके लिए
वो एक महीने की छुट्टी भी लेगीं।
कलिता मांझी का जीवन काफी गरीबी में बीता। वो
इसकी वजह से अपनी पढ़ाई तक पूरी नहीं कर पाईं। शादी के बाद भी कलिता की आर्थिक
स्थिति नहीं सुधरीं। मांझी के पति सुब्रतो प्लंबर हैं। कमाई से घर नहीं
चल पाता। जिसकी वजह से हाथ बंटाने के लिए वो घरों में मेड का काम करने लगीं।
एक मीडिया चैनल से बात करते हुए टिकट मिलने पर
कलिता ने अपनी खुशी जाहिर कीं। उन्होनें कहा कि उन्हें इसका अंदाजा भी नहीं था कि
पार्टी उनको टिकट देगीं। कलिता बोलीं कि बीजेपी अपने कार्यकर्ताओं की कद्र करती है, तभी उनको उम्मीदवार बनाया।
कलिता का ऐसा मानना है कि एक मेड होने की वजह से
उनको आम जनता से जुड़े मुद्दों और गरीब परिवारों की दुर्दशा को समझती हैं। अगर वो
इन चुनावों में जीतने में कामयाब होती हैं तो परिवार और पड़ोसियों को उम्मीद है कि
वो विकास का काम करेगीं।
कलिता गांव के लोगों के लिए अस्पताल बनाना चाहती
हैं, जिससे उनको इलाज कराने के लिए मुख्य बर्धमान शहर ना
जाना पड़े।