पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस ने राज्य की 213 सीटों पर बेहतरीन जीत हासिल की और नया रिकार्ड कायम किया। लेकिन ममता बनर्जी को इस चुनाव में जबरदस्त हार झेलनी पड़ी।
बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ रहे शुभेंदु अधिकारी ने नंदीग्राम विधानसभा सीट से अपनी प्रतिद्वंदी ममता बनर्जी को करारी शिकस्त दी थी। हालांकि, ममता बनर्जी ने इस सीट पर मतगणना में धांधली होने का आरोप लगाया था। मौजूदा समय में यह मामला कोलकाता हाईकोर्ट में चल रहा है।
इससे इतर चुनाव में हार मिलने के बावजूद उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया और ममता बनर्जी लगातार तीसरी बार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनी। लेकिन अब ममता बनर्जी की कुर्सी पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। अगर 6 महीनें के भीतर ममता बनर्जी विधानसभा की सदस्य नहीं बनती हैं तो उनकी कुर्सी जा सकती है।
चुनाव आयोग को सौंपा ज्ञापन
इसी बीच पश्चिम बंगाल में विधानसभा उपचुनाव को लेकर टीएमसी के 6 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंपा। टीएमसी ने पश्चिम बंगाल की 7 खाली विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की मांग की है।
टीएमसी प्रतिनिधिमंडल में टीएमसी सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय, सौगत रॉय, सुखेंदु शेखर रॉय, कल्याण बनर्जी सहित अन्य शामिल थे। वहीं, ममता बनर्जी ने भी पहले ही पूरी तरह से साफ कर दिया है कि राज्य में उपचुनाव कराने की पूरी परस्थिति है और उम्मीद है कि चुनाव आयोग सही समय पर उपचुनाव कराएगा।
इन सीटों पर होने वाले हैं उपचुनाव
बताते चले कि ममता बनर्जी ने विधानसभा चुनाव 2021 में अपनी पारंपरिक सीट भवानीपुर को छोड़कर नंदीग्राम विधानसभा सीट ले पहली बार चुनाव लड़ी थी और उन्हें हार नसीब हुई। वहीं, भवानीपुर सीट से टीएमसी की टिकट पर शोभनदेव चटोपाध्याय ने चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी।
लेकिन ममता सरकार में मंत्री के रुप में काम कर रहे शोभनदेव ने हाल ही में विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। जिसके बाद अब यह सीट खाली हो गई है। बताया जा रहा है कि उपचुनाव में ममता बनर्जी भवानी पुर विधानसभा सीट से चुनावी दंगल में उतरेंगी। भवानीपुर के साथ-साथ खड़दह, समशेरगंज, जंगीपुर, शांतिपुर, दिनहाटा और गोसाबा में भी उपचुनाव होने वाले हैं.