पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राष्ट्रीय राजनीति में उतरने का ऐलान कर चुकी है। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर उन्होंने स्थिति स्पष्ट कर दी है और विपक्षी पार्टियों से एकजुट होने का आह्वान भी कर दिया है। इसी क्रम में आज सोमवार को ममता बनर्जी दिल्ली पहुंचने वाली है।
जहां वह विपक्षी नेता सोनिया गांधी, एनसीपी चीफ शरद पवार समेत अन्य कई पार्टियों के नेताओं से मुलाकात कर सकती हैं। अपने दिल्ली दौरे पर वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मुलाकात करेंगी।
इसके अलावा वह दिल्ली में टीएमसी संसदीय बोर्ड की बैठक में भी हिस्सा लेने वाली है। सीएम बनर्जी के इस दौरे को लेकर बीजेपी की ओर से तरह-तरह की प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। बीजेपी बंगाल के अध्यक्ष दिलीप घोष ने ममता के इस दौरे पर जबरदस्त प्रतिक्रिया दी है।
दिलीप घोष का जोरदार हमला
बीजेपी बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने बीते दिन रविवार को दावा किया कि ‘मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्रीय संसाधनों का दुरुपयोग किया और अब प्रधानमंत्री से मिलना चाहती हैं ताकि हाथ जोड़कर धन की भीख मांग सकें।‘ उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने राज्य के खजाने से पैसे निकाले और अब उसे खाली कर दिया है।
दिलीप घोष ने कहा, ममता अब बंगाल को बांग्लादेश में तब्दील करना चाहती है। उन्होंने कहा कि ममता को 2024 में 2019 से भी बड़ा झटका लगेगा, उसके लिए वह अभी से तैयार हो जाएं। बीजेपी नेता ने कहा कि ममता दीदी ने 16 अगस्त को ‘खेला होबे’ दिवस मनाए जाने की बात कही है, इसके पीछे मंशा साफ है, आजादी से पहले कोलकाता में 16 अगस्त को हत्याएं हुई थीं।
वहीं, केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी ममता बनर्जी के इस दौरे को लेकर तंज कसा है। उन्होंने कहा, 2024 बहुत दूर की बात है, मुलाकातों में कोई कमी नहीं होनी चाहिए।
TMC की ओर से आई जबरदस्त प्रतिक्रिया
बीजेपी बंगाल के प्रदेशाध्यक्ष दिलीप घोष के बयान पर सत्ताधारी टीएमसी की ओर से जबरदस्त प्रतिक्रिया सामने आई है। पार्टी की ओर से कहा गया है कि घोष को पहले संघीय व्यवस्था की समझ होनी चाहिए, जिसके तहत राज्य का प्रमुख हमेशा प्रधानमंत्री से मिल सकता है।
टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने दिलीप घोष को निशाने पर लेते हुए कहा, क्या वह संघवाद के बारे में जानते हैं, जहां पर राज्य का प्रमुख हमेशा प्रधानमंत्री से मिल सकता है? दिलीप दा को पहले तथ्यों की जांच करनी चाहिए, क्योंकि बंगाल का राजस्व पहले के मुकाबले टीएमसी के शासन में बढ़ा है।