मंगलवार सुबह पहाड़ों से आई बाढ़ ने केरल के वायनाड में कहर बरपाया। करीब 22 हजार की आबादी वाले चार गांव मुंदक्कई, चूरलम्माला, अट्टामाला और नूलपुझा महज 4 घंटे में पूरी तरह तबाह हो गए हैं। घर जमींदोज हो गए हैं और सैकड़ों लोग मलबे में दबकर मर गए हैं। अब तक 156 लोगों के मारे जाने की खबर है और सैकड़ों लोग अभी भी लापता हैं। आपदा को देखते हुए मौसम विभाग ने वायनाड और आसपास के जिलों में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। इस घटना ने 11 साल पहले हुई केदारनाथ त्रासदी की यादें ताजा कर दी हैं। उस समय भी रात में सोए लोगों को उठने का मौका तक नहीं मिला था और सुबह मलबे में मिले थे।
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केदारनाथ जैसी आपदा क्यों?
16-17 जून, 2013 यानी ग्यारह साल बाद भी लोग उस भयानक रात के बारे में सोचकर डर जाते हैं। उस शाम उत्तराखंड के उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों में भारी बारिश के बाद अचानक बाढ़ और भूस्खलन हुआ। जब अलकनंदा, भागीरथी और मंदाकिनी नदियों ने अपना रौद्र रूप दिखाया तो गोविंदघाट, भिंडर, केदारनाथ, रामबाड़ा और उत्तरकाशी धराली जैसे क्षेत्र नक्शे से गायब हो गए। इन जगहों पर 10,000 से ज़्यादा लोगों की जान चली गई। एक हज़ार लोगों का भी पता नहीं चल पाया। वायुसेना की मदद से 1.10 लाख से ज़्यादा लोगों को बचाया गया
At least 50 people 🥺 , including two children have died and several others are feared trapped after massive landslides hit various hilly areas in Kerala’s Wayanad district.
My prayers are with the families who lost their loved ones 🙏 #Wayanad #Keralarain #kerala pic.twitter.com/yug9Ip3lXq
— jamil malek (@jamilmalek21) July 30, 2024
केरल में 6 साल बाद आई बाढ़
केरल की बात करें तो इससे पहले अगस्त 2018 में केरल में आई प्राकृतिक आपदा में 483 लोगों की मौत हुई थी। इस आपदा को राज्य की ‘सदी की बाढ़’ कहा गया था। केंद्र सरकार ने 2018 की बाढ़ को ‘गंभीर प्रकृति की आपदा’ घोषित किया था। इस त्रासदी में कुल 57,000 हेक्टेयर कृषि फसलें नष्ट हो गई थीं। उसके बाद 2019 में एक और आपदा आई। वायनाड के पुथुमाला में भूस्खलन हुआ, जिसमें 17 लोगों की मौत हो गई। अक्टूबर 2021 में लगातार बारिश के कारण फिर से भूस्खलन हुआ, जिसमें राज्य के इडुक्की और कोट्टायम जिलों में 35 लोगों की मौत हो गई। 2021 में भारी बारिश और बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में केरल में 53 लोगों की मौत हो गई। अगस्त 2022 में भारी बारिश के कारण केरल में भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ में 18 लोगों की मौत हो गई। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अनुसार, 2015 से 2022 के बीच देश में हुए 3,782 भूस्खलनों में से सबसे अधिक 2,239 भूस्खलन केरल में दर्ज किए गए।