Waqf Amendment Bill update: महाराष्ट्र के पुणे में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर चर्चा और बदलाव के लिए गठित संसद की संयुक्त समिति (Joint Parliamentary Committee, JPC) ने सोमवार को 44 संशोधनों को मंजूरी दे दी। JPC के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने इस बात की पुष्टि की कि बैठक में सभी संशोधनों पर विचार किया गया और उनमें से एनडीए सांसदों के 14 सुझावों को स्वीकृति दी गई।
हालांकि, विपक्षी सदस्यों द्वारा प्रस्तावित संशोधनों को वोटिंग के दौरान खारिज कर दिया गया। विपक्ष ने इस प्रक्रिया को “तानाशाही” और “लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन” बताते हुए आलोचना की।
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 का उद्देश्य- Waqf Amendment Bill update
1995 के वक्फ अधिनियम को अक्सर मिस-मैनेजमेंट, भ्रष्टाचार, और वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जे के आरोपों का सामना करना पड़ा है। इन समस्याओं से निपटने के लिए, वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 में डिजिटलीकरण, बेहतर ऑडिट, अधिक पारदर्शिता, और कब्जा की गई संपत्तियों को वापस लेने के लिए कानून में सुधार का प्रस्ताव है।
JPC की बैठक: बहस और हंगामा
बैठक के बाद JPC अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि समिति द्वारा अपनाए गए संशोधन कानून को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाएंगे। हालांकि, टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी और अन्य विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि समिति में लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।
कल्याण बनर्जी ने बैठक को “तमाशा” बताते हुए कहा कि विपक्ष की राय को नजरअंदाज किया गया। वहीं, जगदंबिका पाल ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पूरी प्रक्रिया लोकतांत्रिक थी और बहुमत की राय को प्राथमिकता दी गई।
विपक्ष का विरोध और हंगामा
24 जनवरी को दिल्ली में आयोजित JPC की बैठक में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि संशोधनों पर रिसर्च के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया। TMC सांसद कल्याण बनर्जी और AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी सहित 10 विपक्षी सदस्यों को हंगामे के कारण एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया।
विपक्षी नेताओं का कहना है कि भाजपा ने इस बिल को दिल्ली चुनावों को ध्यान में रखते हुए जल्दबाजी में पारित करने का प्रयास किया।
हुर्रियत नेताओं की प्रतिक्रिया
जम्मू-कश्मीर के हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक ने भी इस संशोधन विधेयक पर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि इसमें कलेक्टर को वक्फ संपत्तियों को सरकारी संपत्ति घोषित करने की मनमानी शक्तियां दी गई हैं।
जगदंबिका पाल की प्रतिक्रिया
JPC अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सभी सदस्यों को अपनी बात रखने का मौका दिया गया। उन्होंने दावा किया कि विपक्ष नारेबाजी और असंसदीय भाषा का उपयोग कर बैठक को बाधित करने की कोशिश कर रहा था।
विधेयक का महत्व और आगे की प्रक्रिया
JPC की रिपोर्ट संसद के बजट सत्र के दौरान पेश की जाएगी। यह सत्र 31 जनवरी से 4 अप्रैल 2024 तक चलेगा। वक्फ (संशोधन) विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के डिजिटलीकरण और अवैध कब्जों को रोकने के लिए मजबूत कानूनी ढांचा तैयार करना है।
विपक्ष और अल्पसंख्यक समुदाय की आपत्तियां
- विपक्ष ने इस विधेयक को मुस्लिम विरोधी बताते हुए इसकी आलोचना की।
- कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया कि यह विधेयक मुस्लिम संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण बढ़ाने का प्रयास है।
पहली बैठक और संशोधन प्रक्रिया
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू ने 8 अगस्त को लोकसभा में पेश किया था। 31 सदस्यों वाली JPC की पहली बैठक 22 अगस्त को आयोजित की गई थी, जिसमें 44 संशोधनों पर चर्चा की जानी थी।
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को लेकर विपक्ष और सरकार के बीच तीखी बहस जारी है। जहां सरकार इसे पारदर्शिता और कानून व्यवस्था में सुधार का कदम बता रही है, वहीं विपक्ष इसे तानाशाही और अल्पसंख्यक विरोधी कानून करार दे रहा है।