चुनावों में वोटिंग के दौरान होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने के लिए मोदी सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। सरकार आधार कार्ड को वोटर आईडी कार्ड से जोड़ने की तैयारी कर रही है। मिली जानकारी के मुताबिक चुनाव आयोग की सिफारिशों के आधार पर चार प्रमुख संशोधन किए जाएंगे। जिसमें पैन-आधार की ही तरह आधार कार्ड को भी वोटर आईडी से जोड़ने का प्रावधान सबसे अहम होगा।
इसके अलावा वोटर लिस्ट में सुधार, वोटिंग प्रक्रिया को और ज्यादा समावेशी बनाने, चुनाव आयोग को और ज्यादा अधिकार देने की दिशा में काम किया जाएगा। वहीं अगर आधार कार्ड को वोटर ID से जोड़ा जाता है तो डुप्लीकेट मतदाता पहचान पत्र से होने वाली धांधली भी रोकी जाएगी। हालांकि आधार कार्ड को वोटर आईडी से जोड़ना का फैसला स्वैच्छिक होगा। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट के निजता के अधिकार के फैसले को ध्यान में रखा जाएगा।
वहीं सुधारों में एक और बड़ा प्रावधान ये भी होगा कि मतदाता सूची में नाम जुड़वाने का अवसर अब साल में 4 बार मिल सकता है। एक साल में चार अलग-अलग तारीखों पर वोटर्स के रूप में नामांकन किया जा सकेगा। अभी वोटर्स लिस्ट में नाम जुड़वाने की कटआफ डेट सिर्फ एक जनवरी है। 18 साल की उम्र होने पर तब युवा वोटर्स लिस्ट में अपना नाम जुड़वा सकते है। लेकिन अब इसके लिए साल में 4 बार मौका दिया जा सकता है।