भारत और चीन की सीमा पर पिछले कई महीनों से तनाव जारी है। लद्दाख की गलवान घाटी (Galwan Violence) में हुई हिंसा के बाद से सीमा पर स्थिति कुछ ठीक नहीं है। हालांकि, विदेश मंत्रालय की ओर से बार-बार कहा जा रहा है कि चीन से कमांडर स्तर की वार्ता हो रही है। सीमा पर गतिरोध के मुद्दे को लेकर विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार पर हमलावर है।
वहीं, दूसरी ओर मोदी सरकार के मंत्री के बयान ने देश की सियासत में हलचल मचा दी है। केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह (VK Singh) ने कहा है कि चीन की तुलना में भारत ने ज्यादा बार लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) का उल्लंघन किया है। उनके इस बयान को साक्ष्य बताते हुए चीन ने भारत पर जोरदार हमला बोला है।
चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि यह भारत की ओर से अनजाने में मानी हुई गलती है। साथ ही विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरना शुरु कर दिया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मांग की है कि मोदी सरकार को तुरंत वीके सिंह को बर्खास्त कर देना चाहिए।
राहुल गांधी ने किया बर्खास्त करने की मांग
कांग्रेस नेता और वायनाड़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा, ’बीजेपी का एक मंत्री चीन को भारत के खिलाफ मामला बनाने में मदद क्यों कर रहा है? उन्हें बर्खास्त किया जाना चाहिए। उन्हें बर्खास्त नहीं करना हर भारतीय जवान का अपमान करना होगा।’
जानें, क्या है चीन की प्रतिक्रिया?
चीन ने केंद्रीय मंत्री (VK Singh) के इस बयान पर प्रतिक्रिया दी है और भारत पर जोरदार हमला बोला है। चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि ‘ये भारत की तरफ से अनजाने में मानी गई गलती है। भारत लंबे समय से सीमा का उल्लंघन कर रहा और यह एक तरह से चीनी सीमा का अतिक्रमण है। इससे तनाव की स्थिति पैदा होती है। चीन ने केंद्रीय मंत्री के बयान का हवाला देते हुए कहा है कि उसका भारत से अनुरोध है कि वो सीमा समझौते का पालन करे ताकि सीमा पर शांति कायम रहे।‘
सीमा पर जारी है तनाव
बता दें, सीमावर्ती इलाकों में चीन की ओर से लगातार अतिक्रमण जारी है। खबरों के मुताबिक अरुणाचल प्रदेश में भारत की सीमा में चीन ने एक गांव बसा लिया है। वहीं, कुछ महीने पहले गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे।
जिसके बाद से ही भारत सरकार सीमा पर पूरी तरह से अलर्ट है। गलवान की घटना के बाद भारत सरकार ने देश में कई चीनी मोबाइल एप्स को बैन कर दिया। सरकारी टेंडरों से चीनी कंपनियों की छुट्टी हो गई थी, लेकिन फिर से चीनी कंपनियों को सरकारी टेंडर मिलने की खबरें भी सामने आई है। इसी बीच मोदी सरकार के मंत्री के एक बयान से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि धूमिल हो सकती है।