क्या तमिलनाडु चुनाव में अहम भूमिका निभा सकती है VK Sasikala? जानें सबकुछ...

By Reeta Tiwari | Posted on 9th Feb 2021 | देश
Sasikala, Tamil Nadu Election 2021

तमिलनाडु में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। जिसे लेकर राजनीतिक पार्टियों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है। प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) ने आगामी चुनाव बीजेपी के साथ गठबंधन में ही लड़ने का ऐलान किया है। लेकिन तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की उत्तराधकारी कही जाने वाली शशिकला (VK Sasikala) की तमिलनाडु में वापसी आगामी चुनाव में सत्ताधारी AIADMK और बीजेपी गठबंधन की नींव हिला सकती है। क्योंकि शशिकला काफी पहले से ही परोक्ष रुप से तमिलनाडु की राजनीति में एक्टिव रही है।

जयललिता की सबसे करीबी रही हैं शशिकला

साल 1980 के दशक में तत्कालीन AIADMK चीफ जयललिता के संपर्क में आने वाली शशिकला कभी जयललिता की सबसे करीबी मानी जाती थी। लेकिन धीरे-धीरे उनके रिश्तों के बीच खटास आनी शुरु हो गई थी। खबरों के मुताबिक 1996 के चुनाव में जयललिता की हार के बाद शशिकला और उनके रिश्तेदारों को घर छोड़ने के लिए कह दिया गया था। कुछ समय बाद शशिकला (VK Sasikala) वापस जयललिता के पास लौट आई, लेकिन अब चीज़ें पहले जैसी नहीं रहीं।

जयललिता और शशिकला के बीच करीब तीन दशकों तक गहरी दोस्ती रही। कुछ लोग शशिकला को जयललिता की परछाई भी कहा करते थे। तमिलनाडु में उनके समर्थक जयललिता को अम्मा तो वहीं शशिकला को मौसी बुलाते थे। साल 2011 में शशिकला पर जयललिता को धीमा जहर देकर मारने का आरोप लगा था। जिसके बाद शशिकला को पार्टी से निकाल दिया गया और उनसे पूरी तरह से दूसरी बना थी।

शशिकला को मिलने वाली थी पार्टी की कमान

हालांकि, बताया जाता है कि बाद में शशिकला (VK Sasikala) ने जयललिता से माफी मांग ली और जयललिता ने उन्हें माफ भी कर दिया था। इसी बीच 2016 में जयललिता की मृत्यु हो गई। जिसके बाद पार्टी में उथल-पुथल मचनी शुरु हुई। पूर्व मुख्यमंत्री की मौत के बाद प्रदेश की सियासत में इस बात की चर्चा तेज हो गई थी कि शशिकला को पार्टी की कमान सौंपी जाएगी और अगला सीएम भी बनाया जाएगा।

तमिलनाडु के तत्कालीन मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम ने खुद ही शशिकला के नाम को विधायक दल के नेता के तौर पर प्रस्तावित किया था। जिसे लेकर पार्टी के अंदर ही विरोध शुरु हो गया था। जयललिता की भतीजी दीपा जयकुमार ने शशिकला को अविश्वसनीय इंसान बताया था।

शशिकला को 2017 हुई थी जेल

उसी बीच फरवरी 2017 में 66 करोड़ रुपये की बेहिसाबी संपत्ति के मामले में शशिकला और उनके रिश्तेदारों को सजा सुना दी गई। दरअसल, शशिकला पर जयललिता के साथ मिलकर आय से अधिक संपत्ति बनाने के आरोप लगे थे, जिसकी पुष्टि भी हुई थी। विशेष अदालत ने 27 सितंबर, 2014 को उन्हें सजा सुनाई थी। जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी 14 फरवरी, 2017 को हाइकोर्ट की सजा को बरकरार रखा।

15 फरवरी 2017 को बेंगलुरु ट्रायल कोर्ट में उन्होंने आत्म समर्पण कर दिया जहाँ उन्हें कैदी संख्या 10711 आवंटित किया गया था। साथ ही उनपर दस करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था। उनके आत्म समर्पण के दो दिनों बाद ही शशिकला को AIADMK की प्राथमिक सदस्यता से बाहर कर दिया गया।

अप्रैल-मई में होगा तमिलनाडु विधानसभा चुनाव

अब शशिकला जेल से रिहा हो गई हैं। खराब सेहत के कारण उन्हें जल्द रिहा कर दिया गया है। उनकी रिहाई से तमिलनाडु की राजनीति में हलचल मचना लाजिमी है। अब सबकी जुबां पर एक ही सवाल है कि क्या मौजूदा परिस्थितियों में शशिकला की रिहाई तमिलनाडु की राजनीति में कुछ असर डाल सकती है?

शशिकला (VK Sasikala) की रिहाई ऐसे समय में हुई है, जब अप्रैल-मई में तमिलनाडु में विधानसभा का चुनाव होना है। बताया जाता है कि शशिकला का तमिलनाडु की राजनीति पर का काफी असर था और आगे भी रहेगा। अब जेल से रिहा होने के बाद प्रदेश की सियासत में इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि क्या शशिकला खुद को जयललिता की वारिस के रूप में प्रोजेक्ट कर चुनाव में आती है या फिर अपना नया वजूद सामने पेश करेगी?

तमिलनाडु में काफी पहले से है द्रविड़ दलों का प्रभुत्व

बता दें, तमिलनाडु की सियासत में काफी पहले से ही द्रविड़ दलों का आधिपत्य रहा है। आजादी के लगभग दो दशक तक प्रदेश में कांग्रेस का बोलबाला था लेकिन साठ के दशक में हिंदी विरोधी आंदोलनों में द्रविड़ दल उभर कर सामने आए और पहली बार 1967 में DMK द्वारा गैर कांग्रेसी सरकार बनाई गई थी।

उसके बाद से ही तमिलनाडु की राजनीति में द्रविड़ दल प्रमुख रहे हैं। मौजूदा समय में भी राज्य में द्रविड़ दलों का ही प्रभुत्व है। DMK और AIDMK यहां के प्रमुख राजनीतिक दल हैं जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस राज्य की तीसरी बड़ी पार्टी है। ऐसे में तमिलनाडु की राजनीति में शशिकला की एंट्री से क्या बदलाव होंगे, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

Reeta Tiwari
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रीटा एक समर्पित लेखक है जो किसी भी विषय पर लिखना पसंद करती है। रीटा पॉलिटिक्स, एंटरटेनमेंट, हेल्थ, विदेश, राज्य की खबरों पर एक समान पकड़ रखती हैं। रीटा नेड्रिक न्यूज में बतौर लेखक काम करती है।

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