पूरा देश इन दिनों कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहा है। कई राज्यों में बिगड़ते हालात को देखते हुए राज्य सरकारों ने लॉकडाउन लगा दिया है। देश में हर रोज रिकार्ड स्तर पर नए मामले सामने आ रहे हैं और लगातार संक्रमित लोगों की मौते हो रही है। देश में पिछले 24 घंटे में 3.86 लाख से ज्यादा कोरोना के नए मामले सामने आए हैं और 3400 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है।
कोरोना की इस भीषण परिस्थिति में भी हमारे नेता और जनप्रतिनिधि अपने विवादित बयानों से बाज नहीं आ रहे हैं। बीजेपी शासित कर्नाटक की सियासत में इन दिनों राज्य के खाद्य मंत्री की एक ऑडियो क्लीप काफी तेजी से वायरल हो रही है। जिसमें वह एक किसान एक्टिविस्ट को ‘जाओ और मर जाओ’ कहते सुनाई दे रहे हैं।
वीडियो वायरल होने के बाद प्रदेश सरकार की जमकर किरकिरी हो रही है। विपक्षी पार्टियों ने इस मामले को लेकर कर्नाटक सरकार पर जोरदार हमला बोला है। मामला संज्ञान में आने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने इस मामले पर खेद प्रकट किया है। उन्होंने कहा है कि मंत्री का ऐसा कहना सही नहीं है।
जानें क्या है पूरा मामला?
कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच कर्नाटक के खाद्य मंत्री उमेश विश्वनाथ कट्टी की एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। जिसमें एक किसान नेता ने मुफ्त मिलने वाले चावल की मात्रा कम होने को लेकर उनसे सवाल किए थे। जिसके जवाब में मंत्री ने यह बात कही।
ऑडियो क्लिप में सुना जा सकता है कि किसान एक्टिविस्ट ने मंत्री से पूछा कि उनके विभाग ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत मिलने वाले चावल को पांच किलोग्राम से कम कर दो किलोग्राम क्यों किया, वो भी ऐसे वक्त जब लोग महामारी से जूझ रहे हैं।
इसके जवाब में मंत्री ने कहा कि सरकार ने खाने की सामग्री में कटौती नहीं की है, अब चावल दो किलो मिल रहा है लेकिन साथ ही तीन किलो रागी या ज्वार दिया जा रहा है।
किसान एक्टिविस्ट को कहते हुए सुना जा सकता है, ‘लेकिन सर, ये पर्याप्त नहीं होगा। इस लॉकडाउन में हमारी कमाई कम हो गई है। हमें ज्वार भी नहीं मिल रहा, तब तक हम भूखे रहें या मर जाएं।‘
इसके जवाब में मंत्री को कहते हुए सुना जा सकता है, ‘बेहतर है आप मर जाएं। इसीलिए हमने देना (पांच किलो चावल) छोड़ दिया। ये सही वक्त है किसानों के मर जाने का, आप कृपया मुझे कॉल न करें।‘
राज्य में कोरोना से मरने वालों की संख्या 15 हजार से ज्यादा
प्रदेश के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने इस मामले पर खेद व्यक्त किया है और हर महीने होने वाली चावल की सप्लाई की मात्रा 2 किलोग्राम से बढ़ाकर 5 किलोग्राम कर दी है। सीएम येदियुरप्पा की ओर से आधिकारिक तौर पर बयान जारी कर कहा गया कि मंत्री का ऐसा कहना ‘सही नहीं’ है और मंत्री को ऐसी असंवेदनशील बात नहीं कहनी चाहिए थी।
गौरतलब है कि राज्य में कोरोना के मामले काफी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए राज्य सरकार ने कई तरह की पाबंदियां लगाई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक राज्य में कोरोना के कुल एक्टिव मामलों की संख्या 3,49,515 पहुंच गए हैं और अभी तक कोरोना के संक्रमण से 15,306 लोगों की मौत हो गई है।