जब से पंजाबी मशहूर गायक सिद्धू मूसेवाला, रैपर और कांग्रेस नेता (Sidhu Moosewala) की हत्या की जिम्मेदारी तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में बंद कैदी लॉरेंस बिश्नोई के गैंग ने ली है, तब से Tihar Jail का प्रशासन एक बार फिर कठघरे में है। तिहाड़ जेल के प्रशासन पर तरह-तरह के गंभीर सवाल उठ रहे हैं। हालांकि ये कोई नहीं बात नहीं है। देश की राजधानी दिल्ली में देश के सबसे बड़े तिहाड़ जेल पर हमेशा से आरोप लगते रहे हैं कि यहां बंद फेमस कैदियों को Five Star Hotel की तरफ VIP ट्रीटमेंट दी जाती है, जिसका फायदा कुछ कुख्यात कैदी जेल में ही बैठ कर किसी की जान की साजिश रच कर उठाते हैं, जो अपने आप में तिहाड़ जेल प्रशासन के लिए शर्मनाक बात है।
यह बेहद सोचने वाला विषय है कि कैसे किसी कैदी को जेल में मोबाइल, सिमकार्ड और मोबाइल नंबर मिल जाता है, जिससे वो कैदी किसी भी शख्स की हत्या की साजिश जेल में बैठे अपने इशारे पर रच देता है। कैदियों को मिले VIP ट्रीटमेंट की खबर आएं दिन मीडिया में आती भी रहती है, जिसकी उस समय तो बहुत आलोचना होती है, जैसे तिहाड़ जेल प्रशासन जेल के आम और फेमस कैदियों के प्रति दोहरा चरित्र क्यों अपनाता है। यहां तक कि करवाई होने की बात होती है, लेकिन कुछ ही दिन बाद मामला सस्ते बस्ते में चला जाता है।
आज हम कुछ ऐसे ही फेमस कैदियों के बारे में जानेंगे, जिनको देश की संबसे बड़ी जेल में VIP ट्रीटमेंट मिली और जिसने जेल में बैठे-बैठे अपनी ताकत के बल पर अपने दुश्मन को जान से मारने तक की साजिश कर डाली। सबसे ज्यादा ताजुब्ब इस बात पर होता है कि जेल के अंदर चप्पे-चप्पे पर CCTV लगे रहते हैं, उसके बावजूद ऐसी हरकत करने वालों पर कोई करवाई तक नहीं होती।
1. कैदी लॉरेंस बिश्नोई – तिहाड़ जेल में लॉरेंस बिश्नोई को मोबाइल किसने उपलब्ध कराया जबकि सबको पता है कि जेल में मोबाइल रखने की अनुमति नहीं होती है। फिर किसकी मदद से बिश्नोई को जेल में मोबाइल उपलब्ध कराया गया क्यूंकि अगर मोबाइल नहीं होता तो वो पंजाबी गायक मूसेवाला की मौत की साजिश जेल में बैठ कर नहीं रच पाता। सवाल है कि इतनी हाई सिक्योरिटी होने के बावजूद तिहाड़ जेल में किसकी मिलीभगत से मोबाइल पहुंच जाता है, कहीं इसमें जेल के कुछ स्टाफ तो शामिल नहीं हैं। बिश्नोई को अगर जेल में मोबाइल मिल जाता है तो जाहिर सी बात है, उसे VIP ट्रीटमेंट भी जेल प्रशासन की तरफ से मुहैया कराई जाती होगी।
2. RJD के पूर्व दिवंगत नेता शहाबुद्दीन- बिहार का सनसनीखेज तेजाबकांड में तिहाड़ जेल में सजा काटने वाले बिहार के पूर्व दिवंगत RJD नेता और बाहुबली माफिया शहाबुद्दीन को भी तिहाड़ जेल में Five Star Hotel जैसे ट्रीटमेंट दिया गया था। तिहाड़ जेल के अला अधिकारी बाहुबली शहाबुद्दीन की जिहाजुरी करते थे। मानों सब उससे डरते हो। शहाबुद्दीन जेल में बैठे-बैठे ही अपने सभी दुश्मनों की खबर जेल में रखता था। वो जब चाहे अपने किसी भी करीबी से मिल लेता था, उसे कोई रोकने-टोकने वाला नहीं था। बिहार का कुख्यात गुंडा शहाबुद्दीन नाम के लिए तिहाड़ जेल का कैदी था। उसे जेल में भी किसी चीज की कमी नहीं थी। आपको बता दें, 2021 में 21 अप्रैल को शहाबुद्दीन की कोरोना से मौत हो गई थी , जिसका इल्जाम तिहाड़ जेल प्रशासन की लापरवाही पर लगा था।
3. रचित सिंघल- तिहाड़ जेल में एक रचित सिंघल नामक कैदी बंद है। ये आरोपी एक फूड डिलीवरी बॉय की मौत के मामले में तिहाड़ में बंद है। रचित को भी तिहाड़ जेल प्रशासन की तरफ से VIP ट्रीटमेंट दिया जाता है। इस कैदी को जेल सुपरिंटेंडेंट की मेहरबानी से हर मदद मुहैया कराई जाती है। वो अपने पिता संजय सिंघल से जेल सुपरिंटेंडेंट राकेश चौधरी की मदद से बिना समय की बाध्यता से मिलता है और रोजाना अपना मन पसंद भोजन करता है। जेल सुपरिंटेंडेंट राकेश चौधरी, कैदी रचित सिंघल के पिता को अपने दफ्तर में बाकायदा घंटों बैठाता है और खाना-पीना करवाता है, जो जेल प्रशासन पर सवाल खड़े करता है। आपको बता दें , रचित एक फूड डिलीवरी बॉय की मौत के आरोप में जेल में बंद है।
इन सब के अलावा 2020 दिल्ली दंगों के दो आरोपियों को तिहाड़ जेल के कैदियों द्वारा ही मारने की एक बड़ी साजिश रची गई थी। जानकारी के मुताबिक, जनवरी में पुलिस ने तिहाड़ जेल से एक फोन कॉल इंटरसेप्ट की थी। इसमें पुलिस को जेल में बंद एक कैदी से परिवारवालों से अजीब मांग करते सुना गया था। उसने परिजनों से जेल में ‘मरकरी’ यानी ‘पारा’ पहुंचाने के लिए कहा था। इस कॉल में पुलिस को जेल के अंदर ही कुछ बड़ी साजिश का शक हुआ। इसके बाद अधिकारियों ने महीने भर लंबा ऑपरेशन चलाया और इंस्पेक्टर संजय गुप्ता के नेतृत्व में एक टीम को जांच सौंपी।
पुलिस की पूछताछ में एक साजिशकर्ता ने बताया था कि उसका इस्लामिक स्टेट (IS) से जुड़े दो लोगों – अजीमुशान औऱ अब्दुस समी से संपर्क था, उसने बताया कि ”इन्हीं दोनों ने उसे पूर्वोत्तर दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर उसे भड़काया था।”
जब कैदी ने निगला मोबाइल फोन
जैसा कि हमलोग को मालूम है कि जेल के अंदर कैदी मोबाइल फोन नहीं रख सकते है और कानून इसकी इजाजत नहीं देता है। ऐसे में ये तरह-तरह की तिकड़म करते हैं। हाल में एक कैदी ने मोबाइल छुपाने के लिए फोन को निगल तक लिया था। दिल्ली की तिहाड़ जेल में चेकिंग के दौरान उसके पेट में मोबाइल मिला था। उसकी प्लानिंग थी कि वह मुंह से उगलकर इस मोबाइल फोन को इस्तेमाल करेगा। हालांकि, वह पकड़ा गया था। जेल में कैदियों को मोबाइल मिल जाने के पीछे सबसे बड़ी वजह जो सामने आती है, वो जेल स्टाफ की मिलीभगत होती है।