पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव (West Bengal Election 2021) जारी है, राजनीतिक पार्टियां अपनी तैयारियों में लगी हुई है। प्रदेश में 8 चरणों के विधानसभा चुनाव हो चुके हैं और आने वाले कुछ ही दिनों में शेष 4 चरणों के चुनाव होने वाले हैं।
जिसके नतीजे 2 मई को घोषित किए जाएंगे। राज्य की सत्ताधारी ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (AITMC) ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने की कोशिशों में लगी है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (BJP) इस चुनाव में ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को मात देने की बात कहते आ रही है।
बंगाल में मतदान के दिन लगातार हो रही हिंसा
पश्चिम बंगाल (West Bengal) में जैसे-जैसे चुनाव आगे बढ़ रहा है वैसे ही नेताओं की बयानबाजियां और आरोप-प्रत्यारोप के साथ-साथ हिंसा भी बढ़ती जा रही है। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के पहले चरण का चुनाव 27 मार्च को हुआ, जिसमें 30 विधानसभा सीटों पर मतदान हुए।
उस दिन राज्य में कई जगहों पर हिंसा की घटनाएं सामने आई लेकिन किसी की जान नहीं गई। जिसके बाद 1 अप्रैल को दूसरे चरण की वोटिंग हुई। दूसरे चरण में भी 30 विधानसभा सीटों पर चुनाव हुए। उस दिन भी राज्य में हिंसा हुई, जिसमें 1 व्यक्ति की जान गई।
प्रदेश में तीसरे चरण की वोटिंग 6 अप्रैल को हुई, उस दिन प्रदेश के 31 विधानसभा सीटों पर चुनाव हुए। तीसरे दौरे के मतदान के दौरान भी राज्य में हिंसा देखने को मिली। जिसमें 2 लोगों की मौत हो गई थी।
10 अप्रैल को चौथे चरण के वोटिंग के दौरान भी हिंसा की घटना देखने को मिली थी। जब कूच बिहार में टीएमसी और बीजेपी के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए जिसके बाद आत्मरक्षा में CISF ने फायरिंग की। जिसमें 5 लोगों के मौत की खबर सामने आई है।
ममता बनर्जी की रैलियों पर 24 घंटे का बैन
कूचबिहार की घटना को लेकर राजनीतिक पार्टियां आमने सामने हैं। टीएमसी इसके लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को जिम्मेदार ठहरा रही है। वहीं, अमित शाह इसके लिए ममता बनर्जी के भड़काऊ भाषणों को जिम्मेदार बता रहे हैं। दूसरी ओर चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी के चुनावी रैलियों पर 24 घंटे की रोक लगा दी है। जो मंगलवार रात 8 बजे समाप्त होने वाली है।
बताया जा रहा है कि ममता बनर्जी के विवादित बयानों को लेकर चुनाव आयोग की ओर से 2 नोटिस जारी किए गए थे और जवाब मांगा गया था। लेकिन इस मामले में सीएम बनर्जी के ओर से कथित तौर पर कुछ खास प्रतिक्रिया नहीं दी गई थी जिसके बाद चुनाव आयोग ने उनपर 24 घंटे का प्रतिबंध लगा दिया।