उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से एक अजीब सा मामला सामने आया है, जहाँ एक विनोद नाम के व्यक्ति ने खुद के लिए भारत रत्न की मांग की है. विनोद में गोरखपुर मण्डल के आयुक्त कार्यालय को पत्र लिखकर ये मांग की. यह पात्र विनोदे द्वारा 10 नवम्बर 2023 को लिखा गया था. लेकिन सोशल मीडिया पर अब वायरल हुआ है. इस व्नेयक्ति ने पत्र में लिखा है कि ध्यान-साधना के दौरान उसे भारत रत्न पाने की इच्छा प्रकट हुई थी.
मुझे भारत रत्न दिया जाएं – विनोद
विनोद ने पत्र में लिखा था की मेरी मनोकामना पूर्ण की जाए और मुझे भारत रत्न से सम्मानित किया जाए. विनोद ने पत्र कमिश्नर और मजिस्ट्रेट को को लिखा था, वहीं विनोद अब सांसद, विधायक आदि के आगे अपनी बात रख रहा है.
विभागों की लापरवाही
भारत रत्न की मांग वाला पत्र अधिकारी जाँच के बाद भी राष्ट्रपति भवन तक पहुंच गया, लेकिन इस बात पर जब अधिकारीयों से बात की गई तो उन्होंने इस मामले ने बात करने से मना कर दिया. हालाँकि ऑफ रिकॉर्ड उन्होंने कहा है कि पत्र डाक से आया था. इसलिए जांच के लिए हमने भेज दिया. लेकिन जब भारत रत्न की मांग करने वाले विनोद से बात की गयी तो उसने बताया की ‘मैंने हैंड टू हैंड कमिश्नर साहब को पत्र दिया था. जिसपर कमिश्नर साहब ने कहा कि पत्र मैं आगे भिजवा देता हूं.’ विनोद ने यह भी कहा कि हमारा जो काम था वो किया, भारत रत्न मिलना या ना मिलना भगवान के हाथ में है. विनोद का कहना है कि मेरे पास पहले राष्ट्रपति भवन से भी फोन आया था और कहा गया कि आप अवॉर्ड के लायक नहीं है. आप में कोई योग्यता नहीं है. इसलिए आप दोबारा भारत रत्न पुरस्कार की मांग ना करें.
कौन है विनोद?
विनोद से बात करने पर पता चला की वह ई-रिक्शा चलाकर परिवार का पालन-पोषण कर रहा था. उसने बताया कि कुछ दिन पहले उसके रिक्शा की चोरी हो गई थी . जिसके बाद वह कथावाचक का ड्राईवर बन गया था. उनसे साथ रहकर पूजा-पाठ और साधना आदि भी करने लगा. इसी के चलते विनोद ने दावा किया की साधना के दौरान उसके अंर्तमन से आवाज आई कि वह जो कर रहा है, उसके लिए उसे भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए.
जिसके बाद भारत रत्न की मांग करने के लिए गोरखपुर के डीएम को पत्र लिख दिया था, इस पत्र पर डीएम की मोहर भी लगी नज़र आई, ऐसे ही कई विभागिक लापरवाही से पत्र राष्ट्रपति भवन पहुंच जाता है.