Uttarakhand UCC Implement: उत्तराखंड में 27 जनवरी 2025 से यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस ऐतिहासिक घोषणा को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान किया। इस कदम से उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री ने इसे समानता और एकरूपता की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।
मुख्यमंत्री ने दिया समानता का संदेश- Uttarakhand UCC Implement
सीएम धामी ने कहा कि तीन साल पहले जनता से किए गए वादे को पूरा करते हुए यह कदम उठाया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि UCC किसी धर्म या वर्ग के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह सभी को समान अधिकार देने के उद्देश्य से लागू किया गया है। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि 27 जनवरी को हर साल “समान नागरिकता दिवस” के रूप में मनाया जाएगा।
इस दौरान, सीएम धामी ने “समान नागरिक संहिता उत्तराखंड-2024” को लागू करने पर नियमावली और पोर्टल का लोकार्पण किया। यह पोर्टल आम जनता के लिए उपलब्ध है, और नागरिक https://ucc.uk.gov.in पर लॉग इन कर इससे जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
UCC से होने वाले बदलाव
UCC के लागू होने के बाद उत्तराखंड में निम्नलिखित बदलाव और सुधार देखे जाएंगे:
- समान संपत्ति अधिकार: बेटा और बेटी दोनों को संपत्ति में समान अधिकार मिलेगा, चाहे उनकी कैटेगरी कुछ भी हो।
- मृतक की संपत्ति का समान वितरण: मौत के बाद संपत्ति पति/पत्नी, बच्चों और माता-पिता के बीच समान रूप से बांटी जाएगी।
- तलाक के समान कारण: तलाक केवल तब होगा जब पति और पत्नी दोनों के आधार और कारण समान होंगे।
- लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण: लिव-इन में रहने वाले कपल को अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
- संतान की जिम्मेदारी: लिव-इन रिलेशनशिप से पैदा हुए बच्चे की जिम्मेदारी कपल की होगी, और उन्हें बच्चे को पहचान और नाम देना होगा।
डीजीपी की प्रतिक्रिया
उत्तराखंड के डीजीपी दीपम सेठ ने कहा कि राज्य पुलिस और प्रशासन UCC लागू करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने बताया कि इसके लिए पहले से ही कार्यशालाएं और सेमिनार आयोजित किए गए हैं, ताकि लोग इस कानून को समझ सकें और अपने रजिस्ट्रेशन करवा सकें।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की प्रतिक्रिया
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने इसे ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा कि धीरे-धीरे यह कानून अन्य राज्यों और देशभर में भी लागू होगा। उन्होंने कहा, “UCC समानता का प्रतीक है और इससे सभी को बराबरी का अधिकार मिलेगा।”
कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की प्रतिक्रिया
कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने UCC को चुनौती देने की बात कही। उन्होंने कहा कि इसे कोर्ट में चुनौती दी जाएगी और यह देखना होगा कि यह कानून किस तरह से उत्तराखंड के निवासियों पर लागू होता है।
UCC लागू करने की प्रक्रिया
उत्तराखंड में UCC लागू करने की प्रक्रिया कई चरणों में पूरी हुई:
- 2022: चुनाव से पहले सीएम धामी ने UCC की घोषणा की।
- मार्च 2022: सरकार बनने के बाद समिति का गठन किया गया।
- फरवरी 2024: विधानसभा में UCC विधेयक पारित हुआ।
- मार्च 2024: राष्ट्रपति की मंजूरी मिली।
- अक्टूबर 2024: नियमावली तैयार हुई।
- जनवरी 2025: नियमावली को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद UCC लागू हुआ।
गोवा और उत्तराखंड में अंतर
हालांकि गोवा में पुर्तगाली सिविल कोड के तहत UCC पहले से लागू है, उत्तराखंड आजादी के बाद समान नागरिक संहिता लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है। यह कदम राज्य में सामाजिक समानता और एकरूपता को बढ़ावा देने का प्रयास है।
समाज में बदलाव की उम्मीद
UCC लागू होने से हलाला, बहुविवाह और तीन तलाक पर रोक लगेगी। साथ ही, यह समाज में लैंगिक समानता और न्याय को सुनिश्चित करेगा। मुख्यमंत्री धामी ने इसे समाज में एकरूपता लाने वाला कदम बताया।
उत्तराखंड में UCC लागू करना न केवल राज्य के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। इससे समाज में समानता और न्याय को बढ़ावा मिलेगा।