केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों को लेकर देश में आंदोलन तेज है। दिल्ली की बॉर्डरों पर किसान पिछले 73 दिनों से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। विपक्षी पार्टियों की ओर से तरह-तरह की बयानबाजियां हो रही है। देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता लगातार इस मामले पर केंद्र सरकार को निशाने पर ले रही है।
इसी बीच बीजेपी शासित उत्तराखंड के CM त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किसान आंदोलन के मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों को निशाने पर लिया है। साथ ही उन्होंने नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे लोगों को इस बात को साबित करने की चुनौती दी कि ये कानून किसानों के लिए किस तरह से हानिकारक हैं।
कुछ संगठन किसानों के बीच भड़का रहे हैं गुस्सा
बीते दिन शनिवार को त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि अमेरिका में स्थित जस्टिस फॉर सिख्स जैसे संगठन किसानों के बीच गुस्सा भड़का रहे हैं। उन्होंने कहा, जो लोग किसान आंदोलन के पीछे हैं, वे देश को तोड़ना चाहते हैं।
सीएम रावत ने दावा किया कि नए कृषि कानूनों ने पारंपरिक मंडियों के अलावा किसानों को अपनी उपज बेचने की असली आजादी दी है। उन्होंने कहा, ‘मुझे यकीन है कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन करनेवालों को नुकसान होगा, अगर उन्हें यह साबित करने की चुनौती दी जाए कि ये कानून किसानों के लिए किस तरह हानिकारक हैं।‘
अगर हमारे पास हनुमान की शक्तियां होती तो….
CM त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, ‘अमेरिका में स्थित जस्टिस फॉर सिख्स जैसे संगठन और पाकिस्तान संचालित लगभग 302 ट्विटर हैंडल के माध्यम से किसानों के बीच गुस्सा इसलिए पैदा किया जा रहा है क्योंकि वे नहीं चाहते कि नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री काल में भारत में किसान आगे बढ़ें।‘
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कथित रुप से खतरनाक देशभक्त बताने पर प्रतिक्रिया दी। सीएम ने कहा, देशभक्त होना खतरनाक कैसे हो सकता है? त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आगे कहा कि ‘अगर हमारे पास (बीजेपी सरकार) के पास हनुमान की शक्तियां होती, तो हम यह दिखाने के लिए अपना सीना चीरकर दिखा देते कि उसने किसानों के लिए क्या है।‘