उत्तर प्रदेश की पॉलिटिक्स हर राज्य की पॉलिटिक्स से अलगदा है। यहां कब कौन किसका दोस्त बन जाए कह नहीं सकते। कह नहीं सकते कि किसका कब पूरे राज्य पर दबदबा कायम हो जाए। अगर पीछे के कई दशकों पर गौर किया जाए तो बाहुबल और धनबल ने अपना वर्चस्व कायम करने की हमेशा कोशिश की है। कई बाहुबली नेता चुनाव जीतकर विधानसभा भी गए। लेकिन क्या आपको ये पता है कि यूपी के इन तमाम बाहुबली नेताओं में कुछ तो आपस में जानी दुश्मन भी हैं या तो उनकी हिस्ट्री जानी दुश्मन वाली रही है? आइए जानते हैं यूपी के ऐसे ही नेताओं के नाम जिनकी दुश्मनी काफी सुर्खियों में रही।
मुख्तार अंसारी और बृजेश सिंह
मऊ से मुख्तार विधायक हैं और वाराणसी से बृजेश सिंह विधान परिषद के सदस्य। दोनों की दुश्मनी के क्या कहने। आरोप तो ये तक लगते हैं कि दोनों ने एक दूसरे पर जानलेवा हमला भी किया है। दोनों ही जेल में हैं।
हरिशंकर तिवारी और वीरेंद्र प्रताप शाही
दुश्मन की दूसरी जोड़ी है हरिशंकर तिवारी और वीरेंद्र प्रताप शाही की। गोरखपुर से दोनों रहे हैं और विधायक भी दोनों ही रहे हैं। गोरखपुर विश्वविद्यालय के दिनों से ही दोनों की दुश्मनी उफान पर रही। इन दोनों की अदावत ने बृजेश सिंह और मुख्तार अंसारी गैंग को पैदा किया। लखनऊ में श्री प्रकाश शुक्ला ने साल 1997 में वीरेंद्र शाही की हत्या की और तब इस हत्याकांड में हरिशंकर तिवारी का नाम भी खूब उछला था।
धनंजय सिंह और अभय सिंह
बसपा सांसद रहे धनंजय सिंह की फैजाबाद स्थित गोसाईगंज से समाजवादी पार्टी के विधायक रहे अभय सिंह के बीच की दुश्मनी की तो सौगंध खाई जा सकती है। कभी लखनऊ विश्वविद्यालय में दोनों की दोस्ती की कसमें ली जाती थी, लेकिन अब नहीं। धनंजय सिंह जौनपुर से थे और जब 2002 में उन पर एके-47 से हमला किया गया तो उन्होंने इस हमले का आरोप अभय सिंह पर जड़ दिया।
अतीक अहमद और पूजा पाल
सांसद और विधायक रहे अतीक अहमद की दुश्मनी किस कदर सपा नेता पूजा पाल से रही ये जगजाहिर है। पूजा पाल के पति और तब बसपा विधायक रहे राजू पाल की साल 2005 में हत्या कर दी गई थी। इसका आरोप था अतीक अहमद के साथ उनके भाई मोहम्मद अशरफ पर। फिर अतीक के भाई को ही पूजा पाल ने हराया और विधानसभा पहुंची। कहते हैं कि पॉलिटिक्स में पूजा पाल उतरी, तो अतीक अहमद का राजनीतिक करियर ही डूब गया।
मुख्तार अंसारी और अलका राय
मुख्तार अंसारी की दुश्मनी अलका राय से भी किस कदर रही ये भी काफी चर्चित है। गाजीपुर के मोहम्मदाबाद से अलका राय बीजेपी विधायक रही है और उनके पति कृष्णानंद राय की हत्या में नामजद मुख्तार के भाई को हरा देने के बाद ही अलका विधानसभा पहुंची थीं।