दिल्ली के फोर्टिस हॉस्पिटल में अमेरिकी महिला की सफल सर्जरी हुई है। इस दौरान डॉक्टरों ने 32 साल की महिला की आंखों से तीन जिंदा कीड़े यानी बॉट फ्लाई निकाले गए। बॉट फ्लाई एक छोटा-सा कीड़ा जैसा होता है, जो इंसानों के साथ स्तनधारियों के शरीर में घुस जाते हैं।
बता दें कि महिला हाल ही में अमेजन के जंगल में घूमने गई थी। इसके बाद महिला को मयाइसिस (ह्यूमैन बॉटफ्लाई) की पुष्टि हुई थीं। महिला की दाईं पलक में सूजन के साथ लाली की समस्या हो रही थी। इस शिकायत के साथ वो अस्पताल आई। जांच में पता चला कि महिला को बीते 4-6 हफ्तों से अपनी पलकों के पीछे कुछ चलता हुआ महसूस हो रहा था।
इसको लेकर महिला ने अमेरिकी डॉक्टरों से सलाह ली, लेकिन मयाइसिस को हटाया नहीं जा सका। हालांकि तब डॉक्टरों ने उनको राहत देने के लिए कुछ दवाएं दी थीं। इसके बाद वो इलाज के लिए दिल्ली आई, जहां उनकी सफल सर्जरी की गई और उनकी आंखों से इन जिंदा कीड़ों को निकाला गया। महिला को एनेस्थीशिया दिए बिना ही सभी एहतियात के साथ 10-15 मिनट में सर्जरी पूरी की गई। दो सेंटी मीटर के आकार के कीड़ों में से एक को दाईं पलक से, दूसरे गर्दन के पिछले भाग से और तीसरे दाईं बाजू के अगले भाग से निकाला गए। इसके बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
डॉक्टर मोहम्मद नदीम ने उनकी सफल सर्जरी की। उन्होंने बताया कि अगर समय रहते इसका इलाज नहीं होता और मयाइसिस को हटाया नहीं जाता तो ये शरीर के कई टिशू को नुकसान पहुंचा सकता था। इसके चलते नाक के साथ चेहरे और आंखों को भी नुकसान पहुंच सकता है। यही नहीं अगर मरीज दुर्लभ किस्म की मेनिंजाइटिस का शिकार हो सकती थी, जिससे मौत की भी आशंका रहती है। इस तरह के मामलों में बिना देरी करें, जांच कराई जानी चाहिए।
मयाइसिस (ह्यूमैन बॉटफ्लाई) धीरे-धीरे नरम झिल्लियों को कुतरकर उसके नीचे की संरचनाओं को निगल जाता है। मध्य और दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका में इसके कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। वहीं भारत की बात करें तो यहां ज्यादातर ऐसे मामले ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों में ही देखने को मिलते हैं। उनकी नाक या त्वचा पर घावों के जरिए ये बॉट फ्लाई शरीर में घुस जाते हैं।