यूपी में होने वाली TET (Teacher Eligibility Test) एग्जाम के अचानक स्थगित हो जाने पर भारी बवाल मचा हुआ है। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि एग्जाम के कुछ घंटें पहले ही पेपर को Whatsapp पर लीक कर दिया था। रविवार को UPTET का एग्जाम होना था, लेकिन लीक होने के चलते चलते परीक्षा को ही पोस्टपोन कर दिया गया। हालांकि अब UPTET एग्जाम की नई तारीख भी सामने आ गई है। योगी सरकार ने 26 दिसंबर को अब ये परीक्षा कराने का फैसला किया है।
इस बीच पेपर लीक होने पर हंगामा मचा हुआ है। विपक्ष समेत कई लोग इसके लिए योगी सरकार पर हमलावर है। सवाल उठाए जा रहे हैं कि पेपर आखिर लीक कैसे हो सकता है? इसके पीछे किसकी नाकामी है? जिसके चलते हजारों लोगों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है।
हालांकि इस बीच पेपर लीक होने के मामले में यूपी की योगी सरकार ने भी सख्त रवैया अपनाया हुआ है। पेपर लीक करने वाले पर एक्शन भी शुरू हो चुका है। इस मामले में UP STF अब तक 29 लोगों को अरेस्ट कर चुका है। उनके पूछताछ की जा रही है, जिसमें पेपर लीक मामले में कई बड़े खुलासे होते नजर आ रहे हैं…
अब तक हुए ये खुलासे
– जानकारी ऐसी मिल रही है कि ये जो पेपर लीक करने का जो जाल है, वो यूपी के कई जिलों तक फैला हुआ है। ये नेटवर्क लखनऊ से लेकर प्रयागराज, मेरठ, बनारस तक फैला है। मामले में रविवार को ही पुलिस ने 26 लोगों की गिरफ्तारी कर ली थीं। वहीं सोमवार तक बढ़कर ये संख्या 29 तक पहुंच गई। आगे इस मामले में और भी गिरफ्तारियां होने के आसार हैं। सीएम योगी ने निर्देश दिए हैं कि इस मामले में NSA और गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएं।
– इस मामले में पुलिस रोशन सिंह पटेल को कौशांबी से अरेस्ट कर चुकी है, जबकि मेरठ से मनीष रवि और धर्मेंद की गिरफ्तारी हुई। इसके बारे में पुलिस का कहना है कि रोशन सिंह ने पहली शिफ्ट का पेपर लीक किया, तो वहीं मनीष और धर्मेंद्र ने दूसरी शिफ्ट का पेपर लीक किया था।
– पेपर लीक करने वालों में कुछ सरकारी कर्मचारी भी शामिल बताए जा रहे हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि पेपर परीक्षा केंद्र पहुंचने से पहले ही लीक हो गया था।
– इस मामले में सबसे ज्यादा गिरफ्तारियां प्रयागराज से हुई हैं। अब तक लोगों को यहां से अरेस्ट किया गया। इसके अलावा लखनऊ से चार लोगों की गिरफ्तारी हुई। वहीं शामली-अयोध्या से तीन-तीन और कौशांबी में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया।