UP 69000 teacher recruitment scam: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 69,000 शिक्षक भर्ती में कथित रूप से बड़े पैमाने पर अनियमितता की गई है, जिसे मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले से भी बड़ा घोटाला बताया जा रहा है। इस भर्ती प्रक्रिया में OBC, SC और ST वर्ग के लिए आरक्षित 18,500 सीटों में से केवल 2,637 सीटों पर ही आरक्षण लागू किया गया, जबकि बाकी सीटों पर अगड़ी जातियों की भर्ती कर दी गई।
यह मामला बीते छह वर्षों से विवादों में है, जिसमें पहले पेपर लीक के आरोप लगे, फिर आरक्षण घोटाले की बात सामने आई। इस अनियमितता के खिलाफ आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी लगातार आंदोलन कर रहे हैं, धरना प्रदर्शन, भूख हड़ताल और विधानसभा घेराव तक कर चुके हैं। लेकिन, सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।
69000 शिक्षक भर्ती: सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई, अभ्यर्थियों में निराशा- UP 69000 teacher recruitment scam
इस मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी, जिससे अभ्यर्थियों में गहरी निराशा है। अब अगली सुनवाई 25 फरवरी को होनी तय हुई है। कई बार तारीखें टलने से नाराज अभ्यर्थी सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष मजबूती से नहीं रख रही है, जिससे उन्हें न्याय मिलने में देरी हो रही है।
BIG SCAM 🚨 यूपी में ’Vyapam’ से भी बड़ा घोटाला.
उत्तरप्रदेश सरकार ने ’69000 शिक्षक भर्ती’ में मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले से भी बड़ा भर्ती घोटाला किया है.
SC ST और OBC के लिए 18,500 सीटें आरक्षित थी. आरक्षण केवल 2637 सीटों पर दिया गया. बाकी सीटों पर अगड़ी जातियों को भर दिया… pic.twitter.com/0RbaEyVG13
— Kranti Kumar (@KraantiKumar) February 22, 2025
69000 शिक्षक भर्ती के आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने कहा,
“सरकार जानबूझकर इस मामले को लटकाने की कोशिश कर रही है। हमें हाईकोर्ट की डबल बेंच ने न्याय देते हुए हमारे पक्ष में फैसला दिया था, लेकिन सरकार की लापरवाही के कारण मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया। बार-बार सुनवाई टलने से अभ्यर्थी दर-दर की ठोकर खा रहे हैं।”
अभ्यर्थियों का संघर्ष: 640 दिन से जारी आंदोलन
इस घोटाले के खिलाफ आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों ने लगातार 640 दिन तक धरना प्रदर्शन और भूख हड़ताल की। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के आवासों का घेराव किया गया, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला।
क्या मांग रहे हैं प्रदर्शनकारी?
- सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई कर भर्ती प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाने का निर्देश दिया जाए।
- आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को उनका कानूनी हक दिया जाए।
- सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष मजबूती से रखे ताकि जल्द निर्णय हो सके।
आरक्षित वर्ग के हक पर डाका?
वरिष्ठ पत्रकार शेखर गुप्ता की ‘The Print India’ की रिपोर्ट के अनुसार, इस भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर आरक्षण घोटाला किया गया है। इसे ‘UP’s Vyapam’ करार दिया गया है।
UP के 69 हज़ार शिक्षक भर्ती पर The Print ने एक व्यापक रिपोर्ट तैयार की है,
और इसे व्यापम घोटाले की तरह बड़ा घोटाला बताया है,
The Print की रिपोर्ट के मुताबिक इस भर्ती में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय हुआ है, pic.twitter.com/CwnT5cd4Ao— ANIL (@AnilYadavmedia1) February 22, 2025
- SC, ST और OBC के लिए आरक्षित 18,500 सीटों में से सिर्फ 2,637 सीटों पर ही आरक्षण लागू किया गया।
- बाकी 15,863 सीटों को अगड़ी जातियों को भर दिया गया।
- सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद अब तक आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को नियुक्ति नहीं दी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने दिनदहाड़े आरक्षण नीति का उल्लंघन किया है, जिससे हजारों योग्य उम्मीदवारों का हक छिन गया।
राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया: OBC, SC, ST नेताओं की चुप्पी पर सवाल
इस गंभीर मुद्दे पर जहां छात्र और शिक्षक आंदोलन कर रहे हैं, वहीं आरक्षित वर्ग के राजनीतिक नेता अब तक खामोश बने हुए हैं।
- कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने पहले इस भर्ती घोटाले को लेकर यूपी सरकार पर निशाना साधा था, लेकिन अब तक कोई ठोस राजनीतिक आंदोलन नहीं देखा गया।
- सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी कुछ समय पहले ट्वीट कर इस घोटाले पर सरकार से जवाब मांगा था, लेकिन कोई ठोस पहल नहीं हुई।
- OBC, SC, ST के बड़े नेताओं की चुप्पी पर भी सवाल उठ रहे हैं।
चंद्रशेखर आज़ाद, ASP प्रमुख– “69000 शिक्षक भर्ती आरक्षण घोटाला: प्रधानमंत्री जी गौर से देखिए इन बहनों को, 40 दिन से ज्यादा दिन हो गए इनको भूख हड़ताल पर बैठे, अगर इनमें से किसी को भी कुछ होता है तो इसकी जिम्मेदार आपकी भाजपा की डबल इंजन की सरकार होगी…”
सरकार की ओर से अब तक क्या कार्रवाई?
यूपी सरकार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर एक जांच कमेटी बनाई थी, लेकिन अब तक इसका कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया है।
मुख्य तथ्य:
– राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट आरक्षित वर्ग के पक्ष में आई थी।
– मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गठित कमेटी की जांच रिपोर्ट भी OBC, SC, ST अभ्यर्थियों के हक में थी।
– हाईकोर्ट डबल बेंच का आदेश भी आरक्षित वर्ग के समर्थन में था।
इसके बावजूद, सरकार इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही, जिससे छात्रों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
क्या होगा आगे?
25 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई होगी। यदि सरकार सक्रिय नहीं हुई तो विधानसभा घेराव तेज किया जाएगा। अभ्यर्थियों ने धरना जारी रखने का ऐलान किया है।