देश में काफी तेजी से बढ़ रहे ब्लैक फंगस पर केंद्र सरकार की नजर टिकी हुई है। यह कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है। ब्लैकफंगस से होने वाला मृत्युदर कोरोना वायरस के संक्रमण से होने वाली मृत्युदर से काफी ज्यादा है। आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने इसे लेकर चिंता जताई है।
उन्होंने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोरोना वायरस की मौजूदा स्थिति और वैक्सीनेशन पर 9 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक की। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ब्लैक फंगस के जो मामले सामने आ रहे हैं इससे चिंता बढ़ी है।
कोरोनी की तीसरी लहर पर स्थिति स्पष्ट नहीं
डॉ हर्षवर्धन ने कहा, दवाओं का प्रोडक्शन बढ़ाया जा रहा है और साथ ही राज्यों को भी बीमारी की सूचना देने को कहा है। दरअसल, कई राज्यों में एंटी फंगल दवा खत्म हो गई है। देश के 10 राज्य दिल्ली, तेलंगाना, ओडिशा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, गोवा, कर्नाटक, केरल और गुजरात का कहना है कि उनके पास या तो दवा खत्म हो गई है या स्टॉक तेजी से घट रहे हैं।
देश में कोरोना की तीसरी लहर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा, यह आएगी, नहीं आएगी, कब आएगी इस पर कोई विश्वास के साथ कुछ नहीं कह सकता। इस बात की चर्चा जरूर है कि आने वाले समय में वायरस में और म्यूटेशन होगा तो बच्चे प्रभावित हो सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि बच्चों को ध्यान में रखकर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो।
डॉ हर्षवर्धन ने राज्यों से टीकाकरण बढ़ाने की बात कही। उन्होंने कहा, हमारे पास जो भी टीके उपलब्ध हैं, हमें उन्हें जल्द से जल्द देना होगा। आने वाले महीनों में देश में वैक्सीन के प्रोडक्शन में काफी इजाफा होगा।
देश में ब्लैकफंगस के 7251 मामले
बता दें, देश में कोरोना महामारी के बीच जानलेवा ब्लैक फंगस का संकट गहरा रहा है। महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में ब्लैक फंगस के मामलों का बढ़ना जारी है। देश में अबतक कुल 7251 केस सामने आ चुके हैं। इनमें से 219 मरीज अपनी जान गंवा चुके हैं। सबसे ज्यादा ब्लैक फंगस के मामले महाराष्ट्र में आए हैं। महाराष्ट्र में 1500 से ज्यादा मामले सामने आए हैं और 90 संक्रमितों की मौत हो गई है।
दूसरी ओर देश में कोरोना के मामलों में कमी देखने को मिली है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में एक्टिव मामलों की संख्या घटकर 30 लाख 27 हजार तक पहुंच गई है। अभी तक 2.27 करोड़ से ज्यादा लोग पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। जबकि 2.91 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।