देश में कोरोना के मामलों ने रफ्तार पकड़ लिया है। आये दिन मामले काफी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं और संक्रमित लोगों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 3 लाख 66 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं और संक्रमण के कारण 3700 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। देश में वैक्सीनेशन का काम भी जोरो पर है।
वैक्सीन पर केंद्र सरकार की ओर से टैक्स लगाई गई है जिसे लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। पिछले दिनों कांग्रेस के कई नेताओं ने इस मामले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार को लपेटे में लिया था।
वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी पीएम मोदी को पत्र लिखकर कोरोना संकट के बीच जरुरी दवाईयों और वस्तुओं पर टैक्स माफ करने की मांग की। जिसपर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने 1 या 2 नहीं…कुल 16 ट्विट्स कर जवाब दिया है।
विपक्षियों को सीतारमण का जवाब
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्विट करते हुए स्पष्ट किया है कि कोविड वैक्सीन पर न्यूनतम 5 फीसदी और ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर व कोविड की दवाओं पर 12 फीसदी टैक्स जरूरी है, इससे इनकी कीमतों को कम करने में मदद मिलती है।
16/ A 5% GST rate ensures that the manufacturer is able to utilise ITC and in case of overflow of ITC, claim refund.
Hence exemption to vaccine from GST would be counterproductive without benefiting the consumer.@ANI @PIB_India @PIBKolkata— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) May 9, 2021
उन्होंने कहा, वैक्सीन और दवाओं पर सामान्य टैक्स से निर्माताओं को इनपुर टैक्स क्रेडिट मिलती है। इससे उन्हें कीमत कम रखने में मदद मिलती है। वित्त मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि कोरोना की दवाओं के आयात पर टैक्स पहले ही माफ किया जा चुका है।
वित्तमंत्री ने कहा, ‘अगर इन दवाओं और जीवनरक्षक उपकरणों पर कर में पूरी तरह छूट दी जाती है तो घरेलू विनिर्माता इनके निर्माण में प्रयुक्त कच्चे माल और अन्य सामानों पर चुकाए गए टैक्स (GST) पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं उठा पाएंगे। ऐसे में वो कच्चे माल पर चुकाए गए टैक्स का बोझ उपभोक्ताओं पर डालने को मजबूर होंगे और ये उत्पाद महंगे हो जाएंगे।‘
जानें क्या है इनपुट टैक्स क्रेडिट
बता दें, इनपुट टैक्स क्रेडिट (Input Tax Credit) वो रिफंड है, जो विनिर्माता किसी कच्चे माल या सेवाओं पर चुकाए गए टैक्स की एवज में मांग करते हैं। इससे उन उत्पादों की कीमत कम रखने में मदद मिलती है लेकिन जिन उत्पादों पर कोई भी टैक्स नहीं होता है, उन पर टैक्स रिफंड यानी इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा कोई विनिर्माता नहीं करता।
इन सामानों पर पहले ही टैक्स हो गया है माफ
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि कोविड 19 की दवाओं और संबंधित सामान के आयात पर लगने वाला टैक्स पहले ही माफ कर दिया गया है। वहीं इन सामानों पर लगने वाला इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (IGST) का 70 फीसदी हिस्सा राज्यों के खाते में जाता है। वित्त मंत्री की यह प्रतिक्रिया ऐसे वक्त आई है, जब ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। इसमें कोरोना से जुड़ी दवाओं और उपकरणों के आयात पर टैक्स में छूट की मांग की गई है।
देश में 2.42 लाख से ज्यादा मौते
बता दें, स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना के मामले 37,36,648 पहुंच गए हैं। अभी तक 1 करोड़ 83 लाख 17 हजार 404 लोगों की मौत हो चुकी है और 2,42,362 लोगों की मौत हो चुकी है। कई राज्यों में पूर्ण लॉकडाउन लगा हुआ है। केंद्र सरकार और राज्य सरकारें स्थिति पर नियंत्रण पाने की कोशिशों में लगी है।
कोरोना की यह दूसरी लहर काफी खतरनाक बताई जा रही है। हर रोज रिकार्ड मामलों के साथ-साथ संक्रमण के कारण रिकॉर्ड मौते भी देखने को मिल रही है। लोगों से हर तरह की सावधानियां बरतने की अपील की जा रही है।