21 जून योग दिवस के अवसर पर भारत में वैक्सीनेशन का अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड बना। सोमवार को देशभर में 85 लाख से भी ज्यादा लोगों को कोरोना वैक्सीन की डोज लगाई गई। जहां एक तरफ वैक्सीनेशन का महारिकॉर्ड बन गया है, वहीं दूसरी ओर UGC के एक फरमान को लेकर विवाद खड़ा होने लगा है।
दरअसल, खबरों के मुताबिक UGC ने सभी यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों को फरमान जारी कर कहा है कि वैक्सीनेशन के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए, वो अपने यहां पर थैंक्यू वाले पोस्टर लगाएं। इंडिया टुडे की खबर के अनुसार UGC के सेक्रेटरी रजनीश जैन ने 20 जून को यूनिवर्सिटीज के अधिकारियों को इसको लेकर वॉट्सऐप पर मैसेज किया।
मैसेज में पोस्टर का फॉर्मेट भी भेजा गया। इस मैसेज में कहा गया कि 21 जून से सरकार 18 साल से ऊपर के लोगों का फ्री वैक्सीनेशन ड्राइव चला रही है। इसको लेकर यूनिवर्सिटी और कॉलेज और ऐसे होर्डिंग और बैनर लगवाएं। मैसेज में ये भी कहा गया कि सूचना प्रसारण मंत्रालय के द्वारा अप्रूव होर्डिंग और बैनर का हिंदी और इंग्लिश डिजाइन आपकी सुविधा के लिए अटैच कर दिया गया है।
इन पोस्टर और बैनर को सोशल मीडिया पेज पर भी शेयर करने को कहा गया है। पोस्टर पर पीएम मोदी की तस्वीर बनी हुई है और साथ में लिखा है- "थैंक्यू पीएम मोदी।" तीन यूनिवर्सिटीज के द्वारा ऐसे निर्देश मिलने की पुष्टि हुई है। वहीं दिल्ली यूनिवर्सटी, हैदराबाद यूनिवर्सिटी, बैनेट यूनिवर्सिटी, नॉर्थकैप यूनिवर्सिटी गुरुग्राम समेत कई यूनिवर्सिटीज ने अपने सोशल मीडिया पेज पर ये पोस्टर शेयर भी किए हैं।
#FreeVaccinationForAll
— University of Delhi (@UnivofDelhi) June 22, 2021
Strengthen the fight against #Corona
Get Vaccinated... pic.twitter.com/XkN4ZqvRPC
यही नहीं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी केंद्र पर इस तरह के आरोप लगा चुके हैं कि बिना वैक्सीन दिए ही दिल्ली के अफसरों को धन्यवाद पीएम मोदी वाले विज्ञापन देने का दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश में दुनिया का सबसे बड़ा मुफ्त वैक्सीनेशन ड्राइव नहीं बल्कि सबसे लंबा अभियान चल रहा है।
इन पोस्टर्स को लेकर कई लोग भड़कते नजर आ रहे हैं। स्वराज इंडिया पार्टी के अध्यक्ष और UGC के मेंबर रह चुके योगेंद्र यादव ने इस पर ट्वीट करते हुए कहा- "अशोभनीय। UGC का पूर्व मेंबर होने के तौर पर मैं अपमानित महसूस कर रहा हूं। साल 2010-12 में भी UGC में चीजें सड़ी हुई थीं, लेकिन इस तरह की चापलूसी अकल्पनीय है। हम रोजाना ही एक नया निम्न स्तर खोज रहे हैं।"
वहीं दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एग्जिक्यूटिव काउंसिल के मेंबर रहे राजेश झा ने इस आदेश पर कहा कि ये अभूतपूर्व है। सरकारी प्रोपगैंडा के लिए यूनिवर्सिटीज को इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन की सेक्रेटरी मौशमी बासु ने कहा कि हर बार प्रधानमंत्री का ही नाम क्यों आता है? क्या टीका लगवाना हमारा हक नहीं?
पोस्टर विवाद को लेकर कांग्रेस के स्टूडेंट विंग NSUI राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने कहा कि ये हास्यास्पद है। जिन छात्रों को अब तक टीका लगाया नहीं गया, उनको धन्यवाद देने को कहा जा रहा है। ऐसे ही कई लोगों ने फ्री वैक्सीनेशन के प्रचार का विरोध किया।
No comments found. Be a first comment here!