पहले कान पकड़ कर उठक-बैठक…फिर टीएमसी से बीजेपी में शामिल हुआ यह नेता

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पश्चिम बंगाल की सियासत में इन दिनों हड़कंप मचा हुआ है। चुनाव आयोग की ओर से चुनावी तारीखों के ऐलान के साथ ही प्रदेश की राजनीतिक गलियारों में हलचलें तेज हो गई है। नेता लगातार एक पार्टी से दूसरी पार्टी में शामिल हो रहे हैं। खबरों के मुताबिक टीएमसी के लगभग 20 से ज्यादा सांसद और विधायक अभी तक बीजेपी का दामन थाम चुके हैं। 

ममता बनर्जी के करीबी कहे जाने वाले शुभेंदु अधिकारी कई महीनें पहले ही बीजेपी में शामिल हो गए थे। अब शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) के करीबी लोग जो टीएमसी में है, वे भी धीरे-धीरे बीजेपी में शामिल होते जा रहे हैं। इसी दौरान टीएमसी से बीजेपी में शामिल हुए एक नेता को कान पकड़कर ‘उठक-बैठक’ करते देखा गया है। जिस पर टीएमसी की ओर से बेजोड़ प्रतिक्रिया भी सामने आई है।

शुभेंदु के सामने लगाई उठक-बैठक

बीते दिन मेदिनीपुर के पिंगला में बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) के रैली में यह घटना घटी। शुभेंदु अधिकारी के सामने पिंगला नंबर 2 ब्लॉक के टीएमसी सचिव सुशांत पाल (Sushant Paul) ने मंच पर उठक-बैठक लगाई और शुभेंदु के हाथ से बीजेपी का झंडा थाम लिया। रैली में शामिल शुभेंदु के समर्थकों के सामने सुशांत पाल ने अपने दोनों कान पकड़कर उठक-बैठक लगाए। 

सुशांत पाल (Sushant Paul) ने कहा, ‘मैंने इतने दिनों तक तृणमूल में काम करके गलती की है। मैंने टीएमसी के लिए मतदान के लिए आग्रह करने में भी गलती की है। टीएमसी का सदस्य होने से उनके ऊपर जो पाप चढ़ा है, उससे उठक-बैठक लगाकर वह मुक्त होना चाहते हैं।’

टीएमसी ने दी प्रतिक्रिया

सुशांत पाल के बीजेपी में शामिल होने पर टीएमसी की प्रतिक्रिया सामने आई है। टीएमसी जिला अध्यक्ष अजीत माइति ने कहा है कि 4 साल पहले ही सुशांत पाल को पार्टी से निकाल दिया गया था। पाल की माफी पर टिप्पणी करते हुए टीएमसी नेता ने कहा, ‘बीजेपी की संस्कृति में कुछ लोग पार्टी में पांव पकड़ कर शामिल होते हैं, जबकि अन्य लोग कान पकड़ कर उठक-बैठक कर शामिल होते हैं।’

गौरतलब है कि प्रदेश के 8 चरणों में चुनाव होने वाले हैं। राजनीतिक पार्टियां अपनी तैयारियों को अंतिम स्वरुप देने में लगी है। आरोप-प्रत्यारोप के दौर शुरु हो चुके हैं। बीजेपी इस चुनाव में 200 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा कर रही है तो वहीं, टीएमसी ममता बनर्जी के चेहरे पर चुनावी दंगल में है। बंगाल की सत्ता का सिकंदर कौन होगा, इसका फैसला चुनावी नतीजों के साथ 2 मई को पता चल जाएगा।

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