देश में संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है। तमाम मुद्दों पर विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार को निशाने पर लेती दिख रही है। दोनों ही पक्षों की ओर से जमकर आरोप-प्रत्यारोप हो रहे हैं। संसद के दोनों सदनों में विपक्षी सांसदों के हंगामे के कारण कार्यवाही भी बाधित होती दिख रही है। विपक्ष की ओर से लगातार पेगासस मुद्दे पर चर्चा कराए जाने की बात कही जा रही है और इस मामले को लेकर ही बवाल मचा हुआ है।
बीते दिन टीएमसी के राज्यसभा के 6 सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया। जिसे लेकर सियासत तेज हो गई है। टीएमसी महासचिव और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने इस मसले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है और पीएम मोदी को निशाने पर लिया है।
‘सस्पेंड कर हमारी आवाज को नहीं दबा सकते’
अभिषेक बनर्जी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्विट करते हुए कहा, हमारे सांसदों के खिलाफ कार्रवाई स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि बीजेपी के 56 इंच के सीना वाले गॉडफादर ने हार स्वीकार कर ली है। उन्होंने अपने ट्विट में आगे कहा, आप हमें सस्पेंड कर सकते हैं लेकिन हमारी आवाज को नहीं दबा सकते। जनता के लिए हम लड़ते रहेंगे, हम एक इंच भी पीछे नहीं हटेंगे। जब तक हमारा खून का एक भी कतरा बचा हुआ है, हम सच्चाई की लड़ाई लड़ते रहेंगे।
आखिर क्यों सभापति ने टीएमसी सांसदों पर लिया एक्शन?
दरअसल, सदन में पेगासस मुद्दे पर टीएमसी की ओर से लगातार विरोध जताया जा रहा है। सदन में इस मुद्दे पर बार-बार चर्चा कराए जाने की मांग की जा रही है। बीते दिन राज्यसभा में टीएमसी सांसदों की ओर से जोर-शोर से इस मुद्दे को उठाया गया। टीएमसी सांसद पोस्टर लेकर राज्यसभा के वेल में पहुंच गए थे और सभापति के आदेश की अवहेलना की थी।
जिसके बाद सभापति ने सख्त एक्शन लेते हुए उन्हें दिन भर के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया था। निलंबित किये गये सांसदों के नाम डोला सेन, मोहम्मद नदीमुल हक, अबीर रंजन विश्वास, शांता छेत्री, अर्पिता घोष और मौसम नूर हैं। ये सभी तृणमूल कांग्रेस के सांसद हैं।
ममता के ऐलान के बाद बदल गए हैं टीएमसी नेताओं के सुर
बताते चले कि टीएमसी राष्ट्रीय राजनीति में उतरने का ऐलान कर चुकी है। टीएमसी चीफ और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद इस बात की पुष्टि की है। हाल ही में ममता ने दिल्ली का दौरा किया था और विपक्षी पार्टियों के तमाम नेताओं से मुलाकात की थी। उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए थर्ड फ्रंट बनाए जाने की बात भी कही है।
टीएमसी की राष्ट्रीय राजनीति में उतरने के ऐलान के साथ ही पार्टी के नेताओं के सुर बदले बदले से दिख रहे हैं। कई मुद्दों पर टीएमसी नेता पहले की अपेक्षा ज्यादा आक्रमकता के साथ सामने आ रहे हैं। पिछले दिनों बीजेपी के कई नेताओं ने भी इस मसले पर टिप्पणी की थी।
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा था कि संसद को तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने मछली बाजार बना दिया है। जिस तरह से साजिशन संसद की गरिमा को ठेस पहुंचाने का काम किया जा रहा है, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। उन्होंने कहा, ऐसी गतिविधियां न तो उनके हित में है और न ही हमारे हित में। यह संसद के परंपरा के हित में भी नहीं है।