Tihar Jail Expose: देश की सबसे कड़ी सुरक्षा वाली जेल मानी जाने वाली तिहाड़ जेल एक बार फिर विवादों में है। पूर्व जेल अधीक्षक सुनील गुप्ता ने तिहाड़ जेल में वीआईपी कैदियों को दी जाने वाली विशेष सुविधाओं को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। यह खुलासा उन्होंने एक यूट्यूब शो और एएनआई से बातचीत के दौरान किया। उनके अनुसार, सहारा इंडिया ग्रुप के प्रमुख सुब्रत रॉय को जेल में रहते हुए अत्यधिक सुविधाएं दी गईं, जो सामान्य कैदियों को नहीं मिलतीं।
कैसे मिलीं विशेष सुविधाएं? (Tihar Jail Expose)
सुनील गुप्ता ने बताया कि सुब्रत रॉय को सामान्य कैदियों की तरह जेल में नहीं रखा गया, बल्कि उन्हें कोर्ट कॉम्प्लेक्स में रहने की अनुमति दी गई थी। यह विशेष सुविधा उन्हें इस आधार पर दी गई कि वे अपनी संपत्ति बेचकर निवेशकों का पैसा लौटाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकें।
उन्होंने कहा कि सुब्रत रॉय के सेल में दिन में दो से तीन बार एयर होस्टेस आती थीं और घंटों वहीं रुकती थीं। इसके अलावा, उनके सेल से शराब की बोतलें भी बरामद की गई थीं। गुप्ता ने दावा किया कि उन्होंने इस मामले की शिकायत तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
कोर्ट का आदेश और जेल प्रशासन का रवैया
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सुब्रत रॉय को तिहाड़ जेल में रखा गया था, लेकिन बाद में उन्हें कोर्ट कॉम्प्लेक्स में रहने की इजाजत दी गई। यह सुविधा इसलिए दी गई ताकि वे अपने विदेशी निवेशकों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संपर्क कर सकें। हालांकि, गुप्ता के अनुसार, यह विशेष सुविधा धीरे-धीरे जेल प्रशासन की अनदेखी में वीआईपी ट्रीटमेंट में बदल गई।
गुप्ता ने बताया कि जेल में उन्हें प्राइवेट सेक्रेटरी रखने की अनुमति भी थी, लेकिन उन्होंने इसका दुरुपयोग किया। जेल के अंदर एयर होस्टेस का आना-जाना बढ़ गया, जिससे संदेह गहराने लगा। उन्होंने कहा, “जब एयर होस्टेस बार-बार आ रही हैं, तो यह स्पष्ट है कि वे किसी खास मकसद से आ रही हैं।”
मुख्यमंत्री और जेल प्रशासन की भूमिका
जब इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से की गई, तो उन्होंने कार्रवाई से इनकार कर दिया। केजरीवाल का कहना था कि जेल प्रशासन पहले से ही भ्रष्टाचार में लिप्त है और यदि इस मामले में कोई कदम उठाया गया, तो अधीक्षक ही फंस जाएगा। उन्होंने कहा कि यह सब कुछ डायरेक्टर जनरल के आदेश पर हो रहा था।
गुप्ता ने आगे बताया कि उन्होंने कई बार इस मामले को उठाया, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इसके विपरीत, उन्हें ही प्रताड़ित किया गया। उनके रिटायरमेंट के हफ्ते भर पहले उनके खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए चार्जशीट दायर कर दी गई।
सुब्रत रॉय को मिली वीआईपी सुविधाएं
गुप्ता के अनुसार, सुब्रत रॉय के लिए अलग नियम बनाए गए थे।
- उन्हें रात में जेल सेल में बंद नहीं किया जाता था, बल्कि कोर्ट कॉम्प्लेक्स में ही रहने दिया जाता था।
- उनकी डाइट और अन्य सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाता था।
- जेल प्रशासन ने उनके लिए प्राइवेट सेक्रेटरी की अनुमति दी थी।
- उनका बाहरी लोगों से संपर्क नियमित रूप से होता था।
- उनके सेल में शराब की बोतलें बरामद की गई थीं।
रिटायरमेंट से पहले गुप्ता पर दबाव
गुप्ता ने बताया कि जब उन्होंने इस पूरे प्रकरण की शिकायत उच्च अधिकारियों से की, तो उन्हें ही निशाना बनाया गया। उनके सेवानिवृत्त होने के सप्ताहभर पहले, उनके खिलाफ 10 साल पुराने वित्तीय अनियमितताओं को लेकर 15 पन्नों की चार्जशीट जारी की गई। हालांकि, चार-पांच साल बाद उन्हें निर्दोष घोषित कर दिया गया और सरकार ने आरोप पत्र वापस ले लिया। लेकिन इस दौरान उन्हें मानसिक रूप से काफी परेशान किया गया।
सुब्रत रॉय का जेल में समय और अंततः रिहाई
सुब्रत रॉय सहारा को 4 मार्च 2014 को गिरफ्तार किया गया था और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तिहाड़ जेल भेजा गया था। वे करीब दो साल, 3 मई 2016 तक तिहाड़ जेल में रहे।
उन पर निवेशकों के 24,000 करोड़ रुपये लौटाने का दबाव था। शुरू में उन्हें जेल में रखा गया, लेकिन बाद में उनकी व्यावसायिक जरूरतों को देखते हुए उन्हें जेल परिसर में विशेष सुविधाएं दी गईं। 14 नवंबर 2023 को मुंबई के एक निजी अस्पताल में उनका निधन हो गया।