गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (Ghaziabad Development Authority) वीसी की सख्ती के बावजूद प्राधिकरण का प्रवर्तन विभाग लगातार मनमानी कर रहा है। पूरे शहर में कई स्थानों पर अवैध निर्माण हो रहा है। अब इस मामले में कारवाई करते हुए गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के तीन पर्यवेक्षकों को निलंबित कर दिया गया है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि इन तीनों पर उस बिल्डर के साथ मिलीभगत का आरोप है जो राजेंद्र नगर इलाके में अवैध निर्माण को बढ़ावा दे रहा था, जिससे सीवर प्रणाली ध्वस्त हो गई थी। मंगलवार को हुई इस कार्रवाई के बाद विभाग में हड़कंप मच गया।
अधिकारी ने दी जानकारी
दरअसल, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) के उपाध्यक्ष अतुल वत्स को सोमवार को राजेंद्र नगर इलाके के औचक निरीक्षण के दौरान कई अवैध निर्माण मिले। जिस पर अतुल वत्स ने कार्रवाई की। उन्होंने बताया कि जीडीए सुपरवाइजर अनिल त्यागी, अरविंद चौहान और राजू दिवाकर का निलंबन आदेश मंगलवार से प्रभावी है। साथ ही राजेंद्र नगर क्षेत्र के संबंधित कनीय अभियंता एवं सहायक अभियंता को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
आजतक में लिखी रिपोर्ट के मुताबिक, GDA उपाध्यक्ष ने कहा कि नक्शे आवास के लिए स्वीकृत होते हैं, लेकिन बिल्डरों ने स्टिल्ट एरिया में दुकानें बना लीं, जो पार्किंग के लिए आरक्षित था। उन्होंने आगे कहा कि निरीक्षण के दौरान कोई भी तकनीकी व्यक्ति मौके पर मौजूद नहीं था और वे स्वीकृत नक्शा भी नहीं दिखा सके।
वहीं, इससे पहले फरवरी में जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने शहर में हो रहे अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया था। उपाध्यक्ष ने उस समय कहा था कि अभियान चलाकर अवैध निर्माण ध्वस्त कराए जाएंगे।
बिल्डरों को दी गयी चेतावनी
अतुल वत्स ने खरीदारों को चेतावनी दी कि वे अवैध घर और फ्लैट न खरीदें। उन्होंने बिल्डरों को चेतावनी दी कि वे गैरकानूनी निर्माण न करें, अन्यथा उन्हें ध्वस्त कर दिया जाएगा। फिलहाल गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की कार्रवाई चर्चा में है।
मिल रही थी भ्रष्टाचार की शिकायत
बता दें कि जीडीए में लगातार भ्रष्टाचार की शिकायत सामने आ रही थी। जीडीए में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए सीएम योगी सख्त सख्त अपना रहे है। यहीं कारण है कि इस तरह की कार्रवाई की गयी है। जनवरी 2021 में अवैध निर्माण के मामले में अवर अभियंता अशोक अरोड़ा के खिलाफ भी निलंबन की संस्तुति की गई थी।
दरअसल, साल 2022 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शपथ लेते ही तुरंत एक्शन लेना शुरू कर दिया है। इससे पहले गाजियाबाद के एसएसपी पवन कुमार को भी मुख्यमंत्री ने निलंबित कर दिया था। एसएसपी पर कानून-व्यवस्था नहीं संभालने और काम में लापरवाही बरतने का आरोप लगा था।
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