देश में कोरोना के एक बार फिर बढ़ते खतरे को देखते हुए 25 दिसंबर की रात को पीएम मोदी ने कोरोना वैक्सीनेशन से जुड़े कुछ बड़े ऐलान किए थे। देश के नाम अपने संबोधन में पीएम ने बताया था कि 3 जनवरी 2022 से 15 से 18 साल के बच्चों को कोरोना वैक्सीन लगाने का काम भी शुरू हुआ होगा। इसके अलावा एक फैसला ये भी लिया गया है कि 10 जनवरी से देश में वैक्सीन की बूस्टर डोज लगाई जाएगी।
फंट्रलाइन वर्कर्स और 60 साल से ज्यादा उम्र के वो बुजुर्ग जो गंभीर बीमारियों का शिकार हैं, उनको वैक्सीन का बूस्टर शॉट दिया जाएगा। पीएम ने इसे Precaution डोज करार दिया। बच्चों के वैक्सीनेशन और बूस्टर डोज को लेकर गाइडलाइन तैयार करने का काम तो स्वास्थ्य मंत्रालय कर ही रहा है। हालांकि इस बीच बूस्टर डोज को लेकर एक अहम जानकारी सामने आई है। बताया गया है कि बुजुर्गों को बूस्टर डोज लेने के लिए एक डॉक्यूमेंट दिखना होगा।
CoWIN के प्रमुख और नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के सीईओ डॉ. आरएस शर्मा ने बताया कि 60 साल से ऊपर के लोगों को बूस्टर डोज लेने के लिए को-मॉर्बिडिटी सर्टिफिकेट (Co-morbidity certificate) दिखाने की जरूरत होगी। उन्होंने बताया कि बाकी पूरी प्रक्रिया पहले की तरह ही रहेगी। इसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। जिन 60 वर्षीय लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लग गई हैं, वो को-मॉरबिडिटी सर्टिफिकेट दिखाकर तीसरी डोज यानी बूस्टर डोज लगवा सकेंगे।
डॉ. आरएस शर्मा ने आगे ये भी बताया कि को-मॉरबिडिटी सर्टिफिकेट पर किसी रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर के साइन की जरूरत होगी, जिसको अपलोड किया जा सके और लाभार्थी हार्ड कॉपी में टीकाकरण केंद्र ले जा सकें।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि को-मॉरबिडिटी में 22 तरह की बीमारियां आती हैं। डायबिटीज, किडनी से जुड़ी बीमारी, दिल की बीमारी कैंसर जैसी कई बीमारियां लिस्ट में शामिल हैं। डॉक्टरों का मानना है कि ऐसे लोगों के लिए कोरोना घातक साबित हुआ है, जो पहले से ही इन बीमारियों के शिकार थे। इसलिए अब 60 साल से ऊपर के गंभीर बीमारियों से शिकार लोगों को बूस्टर डोज लगाने की तैयारी हो रही है।