भारत में युवाओं के बीच सरकारी नौकरी पाना किसी कुबेर के खजाने से कम नहीं है और अगर वो नौकरी आईएएस अधिकारी की हो, तो सोने पर सुहागा जैसी बात है। लेकिन पिछले कुछ समय से इस नौकरी को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। आरोप लगाए गए हैं कि इस नौकरी को पाने के लिए कुछ चालाक लोग फर्जी दस्तावेज दिखाकर विशेष दर्जा प्राप्त कर आईएएस बन रहे हैं। इस मामले में अब तक आईएएस पूजा खेडकर का नाम सामने आया है। महाराष्ट्र की ट्रेनी अधिकारी पर फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र जमा कर सिविल सेवा में नौकरी पाने का आरोप लगा है। वहीं, हाल ही में कुछ यूजर्स ने यूपी के आईएएस अधिकारी अभिषेक सिंह पर फर्जी विकलांगता दस्तावेज जमा कर आईएएस बनने का आरोप लगाया था। इसके अलावा उत्तराखंड की आईएएस अधिकारी नितिका खंडेलवाल पर भी ऐसे ही आरोप लगे हैं। इतना ही नहीं, इन आरोपों से जुड़े वीडियो भी वायरल हो रहे हैं।
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इन तमाम आरोपों के बीच सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई है। लोग कह रहे हैं कि आईएएस जैसे शक्तिशाली पद का फायदा उठाने के लिए लोग अब फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र के जरिए ये नौकरियां हासिल कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर उठे सवाल
अभिषेक सिंह 2011 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। पिछले साल उन्होंने एक्टर बनने के लिए इस्तीफा दे दिया था। उनके डांस और जिम के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं। अमिताभ चौधरी नाम के एक शख्स ने इंस्टाग्राम पर अभिषेक सिंह के डांस का वीडियो शेयर किया है। इस पर लिखा है कि बिना किसी परेशानी के डांस करने वाले इस शख्स का नाम अभिषेक सिंह है। उन्होंने 2010 में विकलांगता श्रेणी के तहत प्रतिष्ठित यूपीएससी परीक्षा पास की और आज आईएएस हैं।
This man dancing without any problem is #AbhishekSingh , he too qualified the prestigious UPSC under Locomotor Disability (PwBD-3) category in 2010 and is a IAS today.
Every year dozens of such fake disability and fake caste certificate cases happen , they become IAS , IPS by… pic.twitter.com/dOCn2MF641
— Amitabh Chaudhary (@MithilaWaala) July 12, 2024
वैसे तो मुझे किसी आलोचना से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता, पर ये मेरे जीवन काल में पहली बार है जब मैं अपने आलोचकों को जवाब दे रहा हूँ। और वो इसलिए क्योंकि मेरे हज़ारो समर्थक मुझसे कह रहे हैं कि आप जवाब दें नहीं तो हमारा मनोबल टूट जाएगा।अतः ये मेरा नैतिक कर्तव्य है कि मैं सच्चाई सामने… pic.twitter.com/e1rwB3H02R
— Abhishek Singh (@Abhishek_asitis) July 13, 2024
इसमें आगे कहा गया है कि हर साल ऐसे दर्जनों फर्जी विकलांगता और फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले सामने आते हैं, जो सिस्टम को धोखा देकर आईएएस, आईपीएस बन जाते हैं, सिस्टम में आने के बाद वे सिस्टम को कितना धोखा देंगे, यह तो भगवान ही जाने। दुख की बात है कि सच्चाई सामने आने के बाद भी ऐसे लोगों को नौकरी से नहीं हटाया जाता और फर्जी प्रमाण पत्र के लिए जेल नहीं भेजा जाता। क्यों?
आईएएस नितिका खंडेलवाल पर उठे सवाल
अभिषेक सिंह की तरह ही उत्तराखंड की आईएएस अधिकारी नितिका खंडेलवाल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि नितिका का चयन दृष्टिबाधित (Visually Impaired) श्रेणी से यूपीएससी परीक्षा में हुआ है। नितिका खंडेलवाल 2015 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। वायरल वीडियो में उन्हें सिम्युलेटर पर ड्राइविंग टेस्ट देते हुए दिखाया गया है। जिस पर यूजर्स ने आरोप लगाते हुए सवाल किया है कि दृष्टिबाधित होने के बावजूद वह चश्मा क्यों नहीं पहनती हैं? यूजर्स उनकी विकलांगता को लेकर सवाल उठा रहे हैं।
But Nitika Khandelwal RTO test has been saying a completely different story. Don’t know how many more people have forged their documents and snatched deserving condidate seats this needs to be investigated😓😓😓#upsc#UPSCscam https://t.co/XZaVFlQ7sl pic.twitter.com/Mgnv95c933
— Fact Fusion (@Factfusion78) July 13, 2024
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