बाबरी मस्जिद से शुरु हुआ मामला शांत होने का नाम ही ले रहा है। बाबारी मस्जिद के बाद ज्ञानवापी मस्जिद और अब कुतुब मीनार (Qurub Minar) में हिंदू देवी-देवताओं की मूतियों के होने का दावा किया गया। इस मामले पर मंगलवार को सुनवाई होगी।
दरअसल, वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद का मामला अभी विवादों में है। ऐसे में कुतुब मीनार परिसर में पूजा के अधिकार की मांग वाली याचिका पर आज दिल्ली के साकेत कोर्ट में सुनवाई होनी है। दायर की गई इस याचिका में दावा किया गया है कि कुतुब मीनार में हिंदू देवी देवताओं की कई मूर्तियां मौजूद हैं। वहीं याचिका में सवाल कर साकेत कोर्ट पहुंचा है कि क्या दिल्ली की कुतुब मीनार हिंदू और जैन मंदिरों को तोड़कर बनाई गई?
साकेत कोर्ट में दी गई अर्जी में कुतुब मीनार के परिसर में हिंदू और जैन देवी-देवताओं की बहाली होने की मांग की गई है। साथ ही पूजा करने का अधिकार मिलने की इजाजत मांगी गई है। याचिका में दावा किया गया है कि कुतुब मीनार परिसर में हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां हैं। साथ ही ये दावा भी किया गया है कि 27 हिंदू और जैन मंदिरों को ध्वस्त कर कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद बनाई गई। परिसर में कई जगहों पर कलश, स्वास्तिक और कमल जैसे चिन्ह मिलने का दावा भी किया गया हैं।
वहीं कुतुब मीनार की मस्जिद के इमाम शेर मोहम्मद ने भी बड़ा दावा किया है कि ASI ने कुतुब मीनार में नमाज पढ़ना बंद करवा दिया है। उन्होंने कहा कि 13 मई जुम्मा के दिन से कुतुब मीनार में नमाज पढ़ना बंद हो चुका है।
इमाम शेर मोहम्मद ने बताया कि 13 मई को एक गार्ड आया, उसने बोला कि ASI की टीम ने उन्हें बुलाया है। फिर ASI वालों ने मुझसे कहा कि आज से यहां नमाज नही पढ़ी जाएगी। हमने कहा कि हम केवल 4 ही लोग है, हमें पढ़ने दे। बाहरी लोग नही आएंगे। लेकिन उन्होंने कहा कि आज से नमाज नही होगी। इसका कारण पूछे जाने पर ASI वालों ने कहा कि ऊपर से ऑर्डर मिला है।