संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू
संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो चुका है और यह आज, सात दिसंबर से शुरू होकर 29 दिसंबर तक चलेगा। पूरे सत्र में कुल 17 कार्य दिवस होंगे। संसद के इस शीतकालीन सत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की केंद्र सरकार के पास एजेंडे में 16 नए बिल शामिल हैं। इसी को लेकर कल मंगलवार को भाजपा संसदीय दल की बैठक भी हुई थी। लोकसभा पहले दिन उन सदस्यों को श्रद्धांजलि देगी जिनका निधन सत्र के दौरान हुआ है।
सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री ने मीडिया से बातचीत भी की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, “मुझे उम्मीद है कि सभी राजनीतिक दल मिलकर चर्चा को सही दिशा में आगे बढ़ाएंगे, वे अपने विचारों से सरकारी निर्णयों को नई ताकत देंगे, और सरकारी योजनाओं के दिशा को स्पष्ट रूप से उजागर करने में मदद करेंगे।
PM Shri @narendramodi‘s remarks at the start of Winter Session of Parliament. https://t.co/jfnLjUeV5n
— BJP (@BJP4India) December 7, 2022
सत्र में सभी की उपस्थिति है जरूरी
प्रधानमंत्री ने सांसदों की उपस्थिति को लेकर भी चिंता जताई और कहा कि सांसदों को सदन में मौजूद रहना चाहिए। यह बात कहते हर प्रधानमंत्री के चेहरे पर सख्ती भी नजर आई। उन्होंने कहा, हर बार बच्चों के जैसा समझाना ठीक नहीं है, लेकिन सदन में रहने की सबकी जिम्मेदारी है। प्रधानमंत्री ने इस पर आगे कहा कि, अगर बच्चों को भी बार बार टोका जाये तो उन्हें भी अच्छा नहीं लगता है! उन्होंने सांसदों को अपने आप में परिवर्तन लाने और सूर्य नमस्कार करने की नसीहत दी।
सांसदों को सूर्य नमस्कार की सलाह
प्रधानमंत्री ने कहा कि खुद में परिवर्तन लाइए नहीं तो परिवर्तन तो वैसे ही आ जाता हैं। प्रधानमंत्री ने पहले भी सांसदों को सदन में मौजूद रहने के लिए कहा था। प्रधानमंत्री ने सांसदों को सूर्य नमस्कार करने की सलाह देते हुए कहा कि, सभी को सूर्य नमस्कार करना चाहिए और उसका कम्पटीशन करिये इससे सब स्वस्थ रहेंगे।
नए सांसदों को अपनी बात रखने का मिलना चाहिए मौका
प्रधानमंत्री मोदी ने जी 20 की अध्यक्षता मिलने पर जहां एक तरफ गर्व जताया वहीं संसद में नए सांसदों को बोलने का मौका ना मिलने पर चिंता भी जताई। उन्होंने सभी नेताओं से अपील करते हुए कहा कि नए सांसदों को भी अपनी बात रखने का मौका दें और हल्ला-हंगामा कर के सत्र के दिन को ना बर्बाद करें। मोदी ने कहा कि इस सत्र में देश को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए इस्तेमाल करना चाहिए।