टाटा ग्रुप भारत के सबसे बड़े औद्योगिक घरानों में से एक है। टाटा समूह के संस्थापक दिवंगत जमशेद जी टाटा को आज भी उनके उदार दिल के लिए देश और पूरी दुनिया में याद किया जाता है। वह दान करने के मामलों में दुनिया में सबसे टॉप पर है। 1904 में उनकी मृत्यु हो गई थी लेकिन तब तक उन्होंने 102 अरब अमेरिकी डॉलर (करीब 7.57 लाख करोड़ रुपये) का दान कर दिया था।
आज तक उनसे ज्यादा दान किसी ने नहीं किया है वह इस मामले में सबसे टॉप पर है। मौजूदा समय में टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा भी इस मामले में पीछे नहीं है। कोरोना काल में टाटा ट्रस्ट की ओर से 500 करोड़ और टाटा संस की ओर से 1000 करोड़ रुपये सरकार को दान के रुप में दी गई थी।
लेकिन इसी बीच केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने टाटा ग्रुप के खिलाफ बयान देकर कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने टाटा ग्रुप की व्यापार नीतियों को देशहित के खिलाफ बताया है।
गोयल ने की आलोचना
कन्फेडरेशन ऑफ इंडिया इंडस्ट्री की सलाना बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पीयूष गोयल ने टाटा समूह की जमकर आलोचना की। अंग्रेजी अखबार द हिंदू के मुताबिक केंद्रीय मंत्री ने बार-बार टाटा समूह की आलोचना की और कहा, क्या आपके जैसी कंपनी, एक-दो आपने शायद कोई विदेशी कंपनी खरीद ली…उसका महत्व ज्यादा हो गया, देश हित कम हो गया? उन्होंने टाटा संस का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने उपभोक्ताओं की मदद के लिए बनाए गए नियमों का विरोध किया। गोयल ने कहा कि हम सभी को इस दृष्टिकोण से परे जाने की जरूरत है।
टाटा को ही मिला है नया संसद बनाने का ठेका
बताते चले कि केंद्रीय मंत्री की इस टिप्पणी की जमकर आलोचना हो रही है। विपक्षी पार्टियों की ओर से इस मसले पर तरह-तरह की प्रतिक्रिया दी जा रही है। देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने दावा किया कि यह बयान देकर, गोयल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इन इंडिया’ के नारे का मजाक उड़ाया है।
उन्होंने कहा- ‘एक तरफ बीजेपी सरकार ने टाटा को भारत की नई संसद बनाने का ठेका दिया है और दूसरी तरफ बीजेपी मंत्री पीयूष गोयल (मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार) उन्हें देशद्रोही चेहरा बता रहे हैं बीजेपी डबल स्पीक की कोई सीमा नहीं है!!’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि ‘वह भारतीय उद्योग पर गोयल के “बिना उकसावे के हमले” से स्तब्ध हैं। पहले, उन्होंने राज्यसभा नहीं चल सके ये सुनिश्चित किया और अब यह विचित्र अत्याचार! वह आधिकारिक मंजूरी के बिना नहीं बोल सकते हैं, है ना?’
वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने इस मसले पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘आप वही काटते हैं जो आप INDIA INC में बोते हैं। बॉम्बे क्लब 1.0 ने 2012-2014 के बीच एनडीए/बीजेपी की सरकार बनाई। एक पार्टी भी नहीं एक व्यक्ति के पीछे सामूहिक भार डाला और अब पीयूष गोयल उन्हें देशद्रोही बता रहे हैं।‘
शिवसेना नेता ने उठाए सवाल
शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस मसले पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि ‘उद्योगपतियों के खिलाफ जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया गया है और उनके काम को देश के खिलाफ बताया गया, वह शर्मनाक है। सीआईआई को उसकी मदद करने की बजाय माफी की मांग करनी चाहिए।‘
वहीं, इस मसले पर टाटा ग्रुप की ओर से अभी तक किसी भी प्रकार की कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।