संसद के मॉनसून सत्र में विपक्षी पार्टियों की ओर से कई मुद्दों पर आवाज उठाई जा रही है। पिछले कई दिनों से हंगामें के कारण संसद की कार्यवाही भी स्थगित हो रही है। विपक्षी पार्टियों की ओर से पेगासस और नए कृषि कानूनों पर बहस करने की बात कही जा रही है।
दूसरी ओर सदन में हंगामे के बीच भी केंद्र सरकार की ओर से कई विधेयक पास करा लिए गए है। इन विधेयकों पर ज्यादा देर तक चर्चा भी नहीं पाई। जिसे लेकर तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन की ओर से पिछले दिनों सवाल उठाया गया था।
उन्होंने मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए इन विधेयकों की तुलना पापड़ी चाट से की थी। जिस पर पीएम नरेंद्र मोदी ने नाराजगी जताई थी। अब केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी इस मामले पर जबरदस्त प्रतिक्रिया देते हुए टीएमसी को निशाने पर लिया है।
नकवी ने दी जोरदार प्रतिक्रिया
मुख्तार अब्बास नकवी ने टीएमसी सांसद को निशाने पर लेते हुए कहा, अगर डेरेक ओ ब्रायन को चाट-पपड़ी से एलर्जी है, तो वे फिश करी खा सकते हैं लेकिन संसद को मछली बाजार मत बनाओ। केंद्रीय मंत्री ने कहा, संसद को तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने मछली बाजार बना दिया है। जिस तरह से साजिशन संसद की गरिमा को ठेस पहुंचाने का काम किया जा रहा है, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। उन्होंने कहा, ऐसी गतिविधियां न तो उनके हित में है और न ही हमारे हित में। यह संसद के परंपरा के हित में भी नहीं है।
जानें टीएमसी सांसद ने क्या कहा था?
दरअसल, पिछले दिनों टीएमसी के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्विट करते हुए सरकार पर जल्दीबाजी में विधेयकों को पारित कराने का आरोप लगाया था। उन्होंने एक चार्ट भी शेयर की थी जिसमें 7-7 मिनट में विधेयकों को पारित करने की बात कही गई थी। टीएमसी सांसद ने अपने ट्विट में लिखा था कि ‘पहले 10 दिनों में संसद में कमाल! मोदी-शाह ने 12 विधेयक पारित कराए और इसका औसत समय सात मिनट प्रति विधेयक है। विधेयक पारित करा रहे हैं या पापड़ी चाट बना रहे हैं।‘
पीएम ने जताई थी नाराजगी
बताते चले कि पिछले दिनों खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने भी टीएमसी सांसद के इस बयान पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने विधेयक पास कराने की तुलना पापड़ी चाट से होने पर कहा था कि यह संविधान और जनता का अपमान है। इस पर टीएमसी सांसद ने फिर से प्रतिक्रिया दी थी और कहा कि उनका इरादा गंभीर मुद्दे पर लोगों से जुड़ने के लिए एक सांस्कृतिक मुहावरे का उपयोग करना था। उन्होंने आगे पूछा कि अगर मैं पापड़ी-चाट के बजाय ‘ढोकला’ शब्द का इस्तेमाल करता तो क्या पीएम खुश होते?