Home देश प्रधानमंत्री मोदी के साथ 24 घंटे घूमने वाले फ़ोटोग्राफ़र का PIB से संबंध नहीं, RTI के जवाब में खुलासा

प्रधानमंत्री मोदी के साथ 24 घंटे घूमने वाले फ़ोटोग्राफ़र का PIB से संबंध नहीं, RTI के जवाब में खुलासा

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प्रधानमंत्री मोदी के साथ 24 घंटे घूमने वाले फ़ोटोग्राफ़र का PIB से संबंध नहीं, RTI के जवाब में खुलासा
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हाल ही में सूचना के अधिकार  (RTI) के तहत मिले जवाब में पता चला है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 24 घंटे, 7 दिन फॉलो करने वाला फोटोग्राफर PIB (प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो) से जुड़ा नहीं है। आरटीआई कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला (RTI activist Kunal Shukla) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के जरिए यह जानकारी सार्वजनिक की, जिसमें उन्होंने खुलासा किया कि प्रधानमंत्री का फोटोग्राफर कोई सरकारी कर्मचारी नहीं बल्कि एक निजी फोटोग्राफर है।

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RTI के जरिए जानकारी का अनुरोध- PM Narendra Modi photographer salary

कुणाल शुक्ला ने 3 जून 2022 को यह RTI दाखिल की थी, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ लगातार मौजूद रहने वाले फोटोग्राफर की सैलरी स्लिप मांगी थी। उन्हें लगा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के साथ रहने वाला यह फोटोग्राफर PIB से जुड़ा होगा और उसका वेतन सरकारी खजाने से दिया जाता होगा। इस सवाल का जवाब मिलने में थोड़ा समय लगा, लेकिन जब जवाब आया तो वह चौंकाने वाला था। RTI के जवाब में बताया गया कि प्रधानमंत्री के साथ रहने वाले फोटोग्राफर का पीआईबी या प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से कोई संबंध नहीं है।

निजी फ़ोटोग्राफ़र रखने पर सवाल

इस RTI जवाब ने एक अहम सवाल उठाया है कि प्रधानमंत्री निजी फोटोग्राफर क्यों रखते हैं और इसका खर्च कौन उठाता है। अगर प्रधानमंत्री अपने साथ निजी फोटोग्राफर रखते हैं तो इसके पीछे की वजह और व्यवस्था का खुलासा होना जरूरी है। क्या प्रधानमंत्री यह खर्च खुद उठाते हैं या किसी सरकारी फंड से लिया जाता है?

प्रधानमंत्री के दैनिक कार्यभार और विभिन्न यात्राओं पर अक्सर मीडिया की नजर रहती है और उनके साथ फोटोग्राफर का होना सामान्य बात मानी जाती है। आमतौर पर पीआईबी और अन्य सरकारी एजेंसियां ​​सरकारी कार्यक्रमों और यात्राओं को कवर करने के लिए फोटोग्राफर उपलब्ध कराती हैं, लेकिन इस जानकारी के सामने आने के बाद प्रधानमंत्री के निजी फोटोग्राफर की भूमिका, उनकी सेवाओं की प्रकृति और उनकी वित्तीय व्यवस्था पर विचार करना जरूरी हो गया है।

अधिक जानकारी की आवश्यकता

RTI से मिली इस जानकारी ने एक महत्वपूर्ण पहलू पर प्रकाश डाला है, लेकिन इसके पीछे के सभी तथ्य अभी सामने आने बाकी हैं। इस व्यवस्था के पीछे के कारण, इसकी प्रकृति और लागत को जानना जरूरी है, ताकि जनता को इस मामले में पूरी जानकारी मिल सके। सरकार के लिए इस मुद्दे पर स्पष्टता लाना और जनता को संतुष्ट करना जरूरी है। सरकार को इस व्यवस्था का ब्यौरा जनता के सामने रखना चाहिए, ताकि पारदर्शिता और जवाबदेही का भाव बना रहे। आरटीआई के जवाब ने सरकार के कामकाज में पारदर्शिता की जरूरत को और बल दिया है और उम्मीद है कि सरकार जल्द से जल्द इस पर स्थिति स्पष्ट करेगी।

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