बिहार की सियासत में उठा-पटक का दौर जारी है। बीजेपी से लोक जनशक्ति पार्टी का मोह अब भंग होता नजर आ रही है। एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान भी स्पष्ट कर चुके हैं कि अगर बीजेपी उन्हें साइडलाइन करती है तो एलजेपी अन्य विकल्पों पर विचार कर सकती है।
राज्य की सियासत में जारी इस कलह के बीच बिहार की प्रमुख विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल चिराग पासवान और उनकी पार्टी एलजेपी को साधने में जुटी है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पिछले कुछ समय से चिराग पासवान को महागठबंधन में शामिल होने का ऑफर देते दिख रहे हैं।
इसी बीच जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने इस मामले को लेकर दोनों ही पार्टियों को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा है कि तेजस्वी यादव और चिराग पासवान दोनों को ही राजनीति में जगह अपने परिवार की वजह से मिली, इसीलिए सोच भी दोनों की एक ही होगी।
जदयू के निशाने पर चिराग और तेजस्वी
बीते दिन रविवार को जदयू अध्यक्ष ने कहा, ‘रामविलास पासवान गांव से दिल्ली आए थे लेकिन चिराग की राजनीति दिल्ली से ही शुरू हुई है। चिराग और तेजस्वी दोनों को ही अपने परिवार के प्रभाव से राजनीति में जगह मिली है। इसलिए दोनों की सोच भी एक जैसी होना स्वाभाविक है।‘
दरअसल, पिछले दिनों तेजस्वी यादव ने अपने विधानसभा क्षेत्र राघोपुर का दौरा किया था। उस दौरान गांव के तमाम लोगों ने अपनी परेशानियां उनके सामने रखी। जिसके बाद उन्होंने नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला था।
तेजस्वी यादव ने कहा था कि 2-3 महीनों में नीतीश सरकार धराशायी हो जाएगी। उन्होंने एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान को महागठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया था।
‘एलजेपी में कलह के लिए जदयू जिम्मेदार’
जिसपर जदयू की ओर से पलटवार करते हुए कहा गया कि जनता ने तेजस्वी यादव को जो काम दिया है वह उसे ईमानदारी से करें। सरकार बनाने का फैसला जनता के हाथ में होता है और वो ये काम चुनाव के दौरान करती है। हमारे पास बहुमत है और हम पांच साल सरकार चलाएंगे। बता दें, एलजेपी में कलह के लिए आरजेडी और तेजस्वी यादव सीधे तौर पर जदयू को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। साथ ही एलजेपी के दो गुटों में बंटने के बाद अब पार्टी पूरी तरह से बिखरती नजर आ रही है। ऐसे में आने वाले समय में जल्द ही चिराग पासवान कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं।