बीते कुछ समय से कश्मीरी पंडितों और उनके साथ घाटी में होने वाले अत्याचारों का मुद्दा पूरे देश में चर्चा में बना हुआ है। बार-बार ये मांग भी लगातार उठाई जा रही है कि कश्मीरी पंडितों की घर वापसी हों। लेकिन इस बीच घर वापसी तो दूर, जो पंडित अभी भी कश्मीर में रह रहे हैं उनका जीना भी एक बार फिर से मुश्किल होता हुआ दिख रहा है। कश्मीरी में टारगेट किलिंग का सिलसिला अभी भी जारी है, जिसके चलते कश्मीरी पंडितों में डर का माहौल बन गया।
आतंकियों की धमकी भरी चिट्ठी
आतंकी लगातार कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाकर उन्हें घाटी छोड़ने के लिए मजबूर कर रहे हैं। अब लश्कर-ए-इस्लाम नामक आतंकवादी संगठन ने कश्मीर में रह रहे पंडितों को धमकी देते हुए कहा कि वो घाटी छोड़ दें। आतंकियों ने अपनी चिट्ठी में कहा कि पंडितों ने अगर घाटी नहीं छोड़ी तो इसका खामियाज़ा भुगतने के तैयार रहें।
‘छोड़ दो घाटी, नहीं तो…’
दरअसल, आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-इस्लाम ने कश्मीर के पुलवामा जिले में बसे कश्मीरी पंडितों को धमकी भरा पत्र जारी किया। इस पत्र में आतंकी संगठन ने कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़कर चले जाने की धमकी दे डाली। पुलवामा के हवाल ट्रांजिट आवास में रह रहे कश्मीरी पंडितों के नाम जारी पोस्टर में संगठन ने लिखा कि सभी मौत का सामना करने के लिए तैयार रहो। पत्र में ये भी लिखा गया कि जो चाहते हैं कि कश्मीरी मुसलमानों को मारकर कश्मीर में एक और इजराइल हो, उन कश्मीरी पंडितों के लिए यहां कोई जगह नहीं है। वहीं आगे लिखा गया कि अपनी सुरक्षा दोहरी या तिहरी कर लो, टारगेट किलिंग के लिए तैयार रहो। तुम मरोगे। सभी प्रवासी और आरएसएस एजेंट छोड़ दो या मौत का सामना करने के लिए तैयार रहो।
आतंकी संगठन की तरफ से कश्मीरी पंडितों को मिले इस धमकी भरे पत्र को लेकर बीजेपी और पीएजीडी ( पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लरेशन) के प्रतिनिधिमंडल ने उप राज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात की। कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा को लेकर दोनों ने ही गंभीरता दिखाने की बात कही। मुलाकात के बाद पीएजीडी ने कश्मीरी पंडितों से अपील की कि वो घाटी छोड़कर कहीं ना जाए,ये उनका घर है और घाटी से उनका जाना सभी के लिए पीड़ादायक होगा। मालूम हो कि आतंकवादियों के जरिए किए गए हमले के बाद उन्हें दूसरी जगह बसाने की मांग की, ताकि वो महफूस महसूस करें।
टारगेट किलिंग का सिलसिला जारी
गौरतलब है कि ये धमकी भरा पत्र उस समय सामने आया, जब हाल ही में आतंकियों ने बडगाम स्थित तहसील ऑफिस में घुसकर कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना के बाद से ही कश्मीर पंडितों का मुद्दा एक बार फिर उठा। देश में कश्मीरी पंडितों के खिलाफ दिखी असुरक्षा को लेकर लोगों में रोष देखने को मिला। जिसके बाद प्रदर्शन कर कश्मीरी पंडितों के लिए सुरक्षा की मांग का मुद्दा उठाया गया।
इस घटना और अब धमकी भरे पोस्टर के बाद से ही कश्मीरी पंडितों में अपने सुरक्षा को लेकर डर का माहौल एक बार फिर बन गया है। इसके अलावा कश्मीरी पंडितों का मुद्दा एक और बार चर्चा का विषय बन गया है। ऐसे में देखने वाली बात ये होगी कि आतंकियों की इस तरह की धमकियों पर प्रशासन कैसे निपटता है और कश्मीरी पंडितों की सेफ्टी के लिए क्या कदम उठता है?