Telangana tunnel accident: तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में शनिवार को श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) परियोजना के तहत बनाई जा रही सुरंग का एक हिस्सा अचानक ढह गया। इस हादसे में आठ लोग सुरंग में फंस गए, जिनके बचाव के लिए भारतीय सेना, एनडीआरएफ और विशेषज्ञों की टीम लगातार प्रयास कर रही है।
रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी टीमें- Telangana tunnel accident
राज्य सरकार के अनुसार, घटना स्थल पर रेस्क्यू ऑपरेशन पूरी रात जारी रहा। बचाव कार्य में भारतीय सेना, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल), एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) और सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (SCCL) के विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है। हालात की गंभीरता को देखते हुए उत्तराखंड के जोशीमठ सुरंग दुर्घटना में काम कर चुके विशेषज्ञों को भी बुलाया गया है।
#WATCH | Nagarkurnool, Telangana: NDRF personnel and other rescue teams enter the Srisailam Left Bank Canal (SLBC) tunnel near Domalpenta after it collapsed yesterday. At least eight workers are feared trapped.
Indian Army’s Engineer Task Force (ETF) has also been mobilised to… pic.twitter.com/TveaZC8Rci
— ANI (@ANI) February 22, 2025
चुनौतियों से जूझ रही रेस्क्यू टीम
बचाव कार्य में कई चुनौतियां सामने आ रही हैं। एक SDRF अधिकारी के अनुसार, सुरंग में कीचड़ घुटनों तक भर चुका है, जिससे अंदर जाना संभव नहीं हो पा रहा। इस स्थिति को देखते हुए रेस्क्यू टीम अब वैकल्पिक रास्ते खोज रही है। साथ ही, सुरंग में ऑक्सीजन सप्लाई बनाए रखने के लिए फ्रेश एयर भेजी जा रही है, ताकि अंदर फंसे लोगों को सांस लेने में कोई दिक्कत न हो।
प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से की बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी से फोन पर बात कर हादसे की पूरी जानकारी ली और केंद्र सरकार की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
राजनीतिक नेताओं ने जताई चिंता
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस हादसे पर दुख जताते हुए कहा कि “मैं फंसे हुए लोगों की सुरक्षा की प्रार्थना करता हूं। राज्य सरकार आपदा राहत दलों के साथ मिलकर उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।”
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि इस दुर्घटना में झारखंड समेत अन्य राज्यों के कुछ श्रमिक भी फंसे हो सकते हैं। उन्होंने तेलंगाना सरकार से हरसंभव मदद सुनिश्चित करने की अपील की और कहा कि झारखंड सरकार तेलंगाना प्रशासन के साथ समन्वय कर रही है।
सुरंग में फंसे लोगों की सूची
इस हादसे में फंसे आठ लोगों में शामिल हैं:
- दो इंजीनियर (एक भारतीय इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी से)
- दो ऑपरेटर (एक अमेरिकी कंपनी से)
- चार मजदूर (उत्तर प्रदेश, झारखंड, पंजाब और जम्मू-कश्मीर से)
कैसे हुआ हादसा?
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार सुबह 50 से अधिक लोग 200 मीटर लंबी सुरंग में टनल बोरिंग मशीन के साथ प्रवेश कर गए थे। वे लगभग 13.5 किलोमीटर अंदर गए ही थे कि सुरंग का एक हिस्सा अचानक ढह गया।
- मलबा गिरने से आठ लोग अंदर फंस गए, जबकि 42 अन्य लोग किसी तरह बाहर निकलने में सफल रहे।
- बताया जा रहा है कि अचानक पानी के साथ मिट्टी बहकर आई, जिससे सुरंग का ऊपरी हिस्सा धंस गया।
- 14 किलोमीटर तक मलबा जमा हो चुका है, जिससे बचाव कार्य में बाधा आ रही है।
- स्थिति का आकलन करने के लिए ड्रोन कैमरे की मदद ली जा रही है।
सरकार ने दिए निर्देश, विशेषज्ञों की टीम तैनात
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने इस हादसे को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को रेस्क्यू अभियान तेज करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए SCCL की 19 सदस्यीय विशेषज्ञ टीम को मौके पर बुलाया गया है, जिनके पास ऐसे आपदाओं में राहत कार्य का अनुभव है।
दुनिया की सबसे लंबी सुरंग बनने वाली थी
तेलंगाना के सिंचाई मंत्री एन. उत्तम कुमार रेड्डी के अनुसार, यह सुरंग 44 किलोमीटर लंबी बनाई जा रही थी, जो श्रीशैलम प्रोजेक्ट का पानी नलगोंडा जिले के चार लाख एकड़ कृषि भूमि तक पहुंचाने के लिए बनाई जा रही थी। फिलहाल 9.5 किमी का निर्माण कार्य बाकी था।
अब तक क्या हुआ?
– रेस्क्यू ऑपरेशन पूरी रात जारी रहा
– ड्रोन के जरिए सुरंग के भीतर की स्थिति का आकलन किया जा रहा है
– सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और SCCL की टीमें रेस्क्यू में जुटी हैं
केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी ने जताई चिंता
केंद्रीय कोयला मंत्री गिरीश किशन रेड्डी ने हादसे को लेकर चिंता जताई और अधिकारियों से बचाव कार्य की पूरी जानकारी मांगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि यदि कोई घायल हुआ है, तो उसे तुरंत इलाज उपलब्ध कराया जाए।
अभी क्या होगा आगे?
– बचाव टीम मलबा हटाने के लिए दूसरे रास्ते तलाश रही है
– सुरंग के अंदर फंसे लोगों से संपर्क बनाने की कोशिश जारी है
– ऑक्सीजन सप्लाई को लगातार बनाए रखने के प्रयास किए जा रहे हैं
राज्य सरकार और बचाव दल हरसंभव प्रयास कर रहे हैं कि सभी फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जाए। प्रधानमंत्री कार्यालय और तेलंगाना प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।