कोरोना संक्रमण की इस लहर ने जबरदस्त रफ्तार पकड़ी हुई है। कई जगहों पर हालत बिगड़ते चले जा रहे है। कोरोना के बढ़ते केस के चलते कई जगहों पर पाबंदियां लौट आई है। वहीं जहां एक तरफ तो सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन करने और भीड़भाड़ से दूर रहने की सलाह दी जा रही है। तो दूसरी ओर कई जगहों पर चुनावी रैलियां भी चल रही है, जिसमें जमकर भीड़ जुटती हुई नजर आ रही है।
कोरोना काल में जारी चुनावी रैली
चुनावी रैलियों में जमा हो रही भीड़ लगातार चर्चाओं का हिस्सा बनी हुई है। इससे कोरोना संक्रमण फैलने का बड़ा खतरा बना हुआ है। सोशल मीडिया पर इसको लेकर लोग खूब बहस करते नजर आ रहे है। लोगों यही सवाल बार-बार उठा रहे है कि कोरोना के कहर की वजह से सबकुछ बंद हो सकता है, तो ये रैलियां क्यों नहीं?
चुनावी रैलियों को देखकर कोरोना संक्रमण को लेकर जो डर बना रहता है, वो अब सही भी साबित होता हुआ नजर आ रहा है। एक चुनावी रैली में कोरोना का विस्फोट हुआ। वहां सीएम समेत 60 लोग कोरोना की चपेट में आ गए।
रैली में हुआ कोरोना विस्फोट
मामला है तेलंगाना का। जहां 14 अप्रैल को एक रैली आयोजित हुई थीं, जिसमें बड़ी संख्या में भीड़ जुटी। ये रैली नागार्जुन विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर की थीं, जिसके लिए वोटिंग 17 अप्रैल को वोटिंग हो चुकी है।
इस रैली के बाद तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव कोरोना की चपेट में आ गए। मुख्यमंत्री को कोरोना के हल्के लक्षण दिखे। उनको बुखार और बर्दन दर्द की शिकायत थीं, जिसके बाद उन्होंनें RT-PCR टेस्ट कराया। इसमें वो कोरोना संक्रमित निकले। डॉक्टरों ने चंद्रशेखर राव को होम आइसोलेशन में रहने को कहा और इसके साथ ही उनके स्टाफ को क्वारंटीन रहने और टेस्ट कराने की सलाह दी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रैली में मौजूद 60 और लोग भी इस वायरस की चपेट में आ गए। KCR की तेलंगाना राष्ट्र समिति पार्टी के उम्मीदवार नोमुला भगत और उनका परिवार कोरोना का शिकार हुआ। इसके अलावा भी और कई वरिष्ठ नेता कोरोना की चपेट में आए।
हाईकोर्ट की फटकार के बाद राज्य में लगा नाइट कर्फ्यू
गौरतलब है कि तेलंगाना में भी कोरोना संक्रमण का कहर देखने को मिल रहा है। राज्य में कोरोना के केस लगातार बढ़ते हुए नजर आ रहे है, जिसके चलते तेलंगाना की सरकार ने 30 अप्रैल तक राज्य में नाइट कर्फ्यू लगा दिया। रात 9 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक ये कर्फ्यू लागू रहेगा।
आपको ये भी बता दें कि तेलंगाना सरकार ने नाइट कर्फ्यू का फैसला हाईकोर्ट की फटकार और अल्टीमेटम के बाद लगाया। हाईकोर्ट ने कहा था कि कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए आखिर सरकार इतनी लापरवाह क्यों है? इसके अलावा कोर्ट ने सरकार को लॉकडाउन या फिर कर्फ्यू पर फैसला लेने के लिए 48 घंटों का वक्त दिया था। कोर्ट ने कहा था कि अगर प्रदेश सरकार इस पर कोई फैसला नहीं लेती, तो उनको आदेश जारी करना होगा। जिसके बाद तेलंगाना सरकार ने नाइट कर्फ्यू लगाने का फैसला लिया।