बिहार की सियासत में उथल-पुथल जारी है। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में एनडीए गठबंधन ने जीत हासिल कर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के नेतृत्व में सरकार बनाई लेकिन सरकार बनने के 3 महीने बाद भी अभी तक प्रदेश में मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हुआ है। जिसे लेकर लगातार सवाल भी उठ रहे हैं।
इससे इतर बिहार सरकार की ओर से इन दिनों लगातार नए-नए आदेश जारी किए जा रह हैं, जिसे लेकर विपक्षी पार्टियां प्रदेश सरकार पर हमलावर है। बिहार की प्रमुख विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर जोरदार हमला बोला है।
नीतीश कुमार पर बरसे तेजस्वी यादव
तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लगातार ट्वीट करते हुए नीतीश कुमार को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा, ‘सरकार से क़ानून व्यवस्था पर सवाल पूछिए तो वो हड़प्पा काल की बात करते है। धरना-प्रदर्शन किजीए तो नए फ़रमान जारी करते है। दबाव डालिए तो लीपापोती के लिए किसी को भी बलि का बकरा बना देते है। थके और कमजोर मुख्यमंत्री की कोई नहीं सुन रहा। अपराधी और माफिया राज कर रहे है।‘
नेता प्रतिपक्ष ने कुछ खबरों को ट्वीट करते हुए लिखा, ‘मुख्यमंत्री नीतीश जी को कोटि-कोटि बधाई! गुरु गोविंद सिंह, भगवान महावीर, माता सीता की जन्मभूमि एवं बुद्ध और गाँधी की कर्मभूमि तथा विश्व को सर्वप्रथम गणतंत्र का ज्ञान देने वाली बिहार की महान धरा विश्वभर में आपके तानाशाही रवैये के कारण नकारात्मक चर्चा में है। शांत मन से सोच कुछ करिए।‘
वहीं, एक अन्य ट्वीट में उन्होंने नीतीश कुमार को टैग करते हुए तेजस्वी यादव ने लिखा कि ‘दुनिया के जाने-माने अखबार व पत्रिकाओं में बिहार सरकार के अलोकतांत्रिक और तानाशाही फ़ैसलों की भर्त्सना हो रही है। सरकार को चाहिए कि वह शांत चित्त से सोच समझकर ही लोकतांत्रिक निर्णय ले। ऐसे फैसलों को वापस लिया जाना चाहिए, जिससे राज्य की छवि को नुकसान पहुंच रहा है।‘
जानें क्या है पूरा मामला?
बता दें, पिछले दिनों बिहार पुलिस महानिदेशक की ओर से आदेश जारी किया गया था कि अगर कोई व्यक्ति सरकार के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल होकर किसी आपराधिक घटना को अंजाम देता है तो उसे सरकारी नौकरी या ठेके नहीं दिए जाएंगे। जिसे लेकर प्रदेश की राजनीति में भूचाल मचा हुआ है।
इस आदेश के ठीक पहले बिहार सरकार ने सोशल मीडिया को लेकर भी एक फरमान जारी किया था। उस आदेश के मुताबिक अब बिहार सरकार के मंत्री, सांसद, विधायक या सरकारी अफसर के खिलाफ सोशल मीडिया पर कोई आपत्तिजनक टिप्पणी सोशल मीडिया पर की जाती है, तो ऐसा करने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बिहार सरकार के ऐसे फैसलों पर लगातार सवाल उठ रहे हैं।