बिहार की सियासत में इन दिनों हड़कंप मचा हुआ है। विपक्षी पार्टियां कई मुद्दें पर प्रदेश की एनडीए सरकार पर हमलावर है। बिहार में कानून व्यवस्था, बेरोजगारी समेत कई मुद्दों पर नीतीश सरकार विपक्षियों के निशाने पर है।
इन सभी मामलों को लेकर प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने आज मंगलवार को विधानसभा का घेराव करने का ऐलान किया है। हालांकि, उन्हें पुलिस से अनुमति नहीं मिली है। बावजूद उसके आरजेडी का मार्च शुरु हो गया है।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए वाटर कैनेन का इस्तेमाल किया है। इसी बीच बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) और उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) ने कहा है कि पुलिस के जरिए उनकी हत्या कराने की कोशिश की जा रही है।
तेजस्वी के निशाने पर सरकार
आरजेडी का मार्च शुरु होने से पहले तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने कहा कि बिहार में बढ़ रही बेरोजगारी और अपराध के खिलाफ उनका पार्टी विधानसभा का घेराव करेगी। उन्होंने प्रदेश की एनडीए सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह सरकार बैक डोर से आई है।
बैक डोर से आई इस सरकार ने जनता के लिए कोई भी काम नहीं किया है। इस सरकार ने हर सवाल पर चुप्पी साध ली है, ऐसे में हमने तय किया है कि हम विधानसभा का घेराव करेगे। उन्होंने कहा कि हालांकि प्रशासन से अनुमति नहीं मिली है लेकिन हम इसके बाद भी विधानसभा घेराव के अपने फैसले पर अडिग हैं।
तेजप्रताप ने बोला हमला
वहीं, दूसरी ओर आरजेडी नेता और तेजस्वी यादव के बड़े भाई तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए नीतीश सरकार को निशाने पर लिया है। तेज प्रताप यादव ने ट्वीट के जरिए नीतीश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि ‘कान खोलकर सुन लो-रोक सको तो रोक लो, हमने अब ये ठाना है, बेरोज़गार युवाओं की, चूल्हे से लिपटी महिलाओं की, उनका हक़ दिलवाना है।’
कई मामलों में फेल है नीतीश सरकार
बता दें, बिहार की नीतीश सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, बेरोजगारी, कानून व्यवस्था, शराबबंदी समेत कई मामलों में फेल होती आ रही है। विपक्षी पार्टियों की ओर से एनडीए सरकार पर लगातार इस तरह के गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। पिछले दिनों नीतीश सरकार में कैबिनेट मंत्री के रुप में काम कर रहे राम सूरत राय के यहां से कथित तौर पर शराब बरामद हुई थी। जिसे लेकर प्रदेश की सियासत में बवाल मचा था। बिहार में साल 2016 से ही शराबबंदी कानून लागू है। बावजूद उसके प्रदेश में कई जगहों पर कथित तौर पर धड़ल्ले से शराब बेची जा रही है।