बिहार की राजनीतिक गलियारों में इन दिनों हलचलें काफी तेज हो गई है। प्रदेश में बजट सत्र चल रहा है, जिसमें नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सत्तारुढ़ एनडीए विपक्षी पार्टियों के निशाने पर है। बेलगाम हो चुकी महंगाई, बिहार की कानून व्यवस्था, स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था समेत कई मुद्दों पर लगातार सवाल उठ रहे हैं।
नीतीश कुमार पिछले लगभग 15 सालों से बिहार के सीएम हैं लेकिन कई क्षेत्रों में स्थिति अभी भी जस की तस बनी हुई है। जिसे लेकर विपक्षी पार्टियों की ओर से लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। इसी बीच बिहार की प्रमुख विपक्षी पार्टी आरजेडी के नेता और बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने नीतीश सरकार पर 40 हजार करोड़ के घोटाले के आरोप लगाए हैं।
15 साल में लगभग 40 हजार करोड़…
बीते दिन गुरुवार को तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए नीतीश सरकार पर हमला बोला। उन्होंने अपने ट्वीट में विधानसभा सत्र का एक वीडियो क्लिप शेयर किया और लिखा, ‘नीतीश जी के संरक्षण में 15 साल में 40 हज़ार करोड़ के सरकार द्वारा सत्यापित 65 से अधिक घोटाले हुए है। इतनी बड़ी राशि की रिकवरी के लिए क्या किया गया, क्या किया जाएगा, किसे दंडित किया, इसपर कुछ नहीं? दोषी कौन, किसका संरक्षण? मुख्यमंत्री और भाजपा कभी इन घोटालों पर क्यों नहीं बोलते?’
तेजस्वी यादव ने बजट में इस घोटाले और इसकी रिकवरी करने के प्रोसेस का जिक्र नहीं करने को लेकर भी नीतीश सरकार पर सवाल उठाए।
इससे पहले भी लगा चुके हैं घोटाले का आरोप
बता दें, तेजस्वी यादव इससे पहले भी बिहार की नीतीश सरकार पर घोटाले का आरोप लगा चुके हैं। उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव 2020 से ठीक पहले नीतीश सरकार पर 55 घोटाले के आरोप लगाए थे।
उन्होंने अपने ट्वीट में एक पोस्टर शेयर करते हुए 55 घोटालों की लिस्ट जारी की थी। उस लिस्ट में सृजन घोटाला, छात्रवृति घोटाला, धान घोटाला, दवा घोटाला, टॉपर घोटाला, मेधा घोटाला, नल-जल घोटाला, स्कूल निर्माण घोटाला समेत 55 घोटालों की बात कही थी।