बिहार में कोरोना की दूसरी लहर का पीक आकर चला भी गया। संक्रमण के नए मामलों में कमी देखने को मिल रही है लेकिन संक्रमण से लगातार मौतें भी हो रही है। विपक्षी पार्टियों की ओर से लगातार बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाया जा रहा है।
पिछले दिनों आरजेडी नेता और बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने सरकारी आवास पर कोरोना केयर सेंटर की शुरुआत की। जिसपर जमकर सियासत हुई। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने तेजस्वी यादव और उनके परिवार को निशाने पर लिया।
जिसके बाद तेजस्वी यादव की बहन ने सुशील मोदी को करारा जवाब दिया था। आज गुरुवार को तेजस्वी यादव ने इस मामले को लेकर एक बार फिर से बिहार सरकार पर हमला बोला है।
पूरी तरह से थक चुके हैं नीतीश कुमार
तेजस्वी यादव ने सत्ता पक्ष पर नकारात्मक राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘हमने अपने सरकारी बंगले में हमने बेड, ऑक्सीजन, भोजन और दवाइयों का इंतजाम कर सरकार से नियमानुसार अपनाने की अपील की थी, लेकिन सरकार इसे लेकर नकारात्मक राजनीति कर रही है।‘ नेता प्रतिपक्ष ने कहा, सरकार ना खुद काम करती हैं ना हमें करने देती हैं। सरकार का असली चेहरा अब सबके सामने आ गया है।
आरजेडी नेता ने कहा, बिहार के अस्पतालों में कोई व्यवस्था नहीं है, लोग अस्पताल में जाना नहीं चाह रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘राज्य की राजग सरकार अगर गंभीर होती तो एक साल में प्रमंडल स्तर पर कोविड केयर अस्पताल खुल चुका होता। लेकिन सरकार से बिहार नहीं संभल रहा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरी तरह से थक चुके हैं।‘
बिहार में हुई सबसे ज्यादा डॉक्टरों की मौत
तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि विपक्ष के लोग अगर सड़कों पर उतरते हैं तब उनपर मामला दर्ज करा दिया जाता है। उन्होंने कहा, ‘राज्य में वेंटिलेटर आए तो उन्हें चलाने वाला कोई नहीं। मैं प्रारंभ से ही कह रहा हूं कि राज्य में डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों की कमी है, लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया। सत्ता पक्ष के नेता मुझे काम करने बोलते हैं। जब मैं करता हूं तो उसे नौटंकी करार देते हैं।‘ नेता प्रतिपक्ष ने कहा, बिहार की स्थिति ठीक नहीं है। विपक्ष सरकार को हरसंभव मदद करने को तैयार है। उन्होंने कहा, देशभर में सबसे ज्यादा डॉक्टरों की मौत बिहार में हुई है।