उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बन रही टनल का एक हिस्सा दिवाली के दिन अचानक गिर गया और इस हादसे के कारण सुरंग में 40 श्रमिक फंस गये. वहीं इस घटना के बाद से अभी तक इन 40 श्रमिकों की जान बचाने की कोशिश की जा रही है और इस बचाव कार्य को करते हुए 6 दिन का समय हो गया है लेकिन अभी तक किसी भी श्रमिक को बचाया नहीं जा सका है.
टनल के अंदर फंसे 41 श्रमिक
ये हादसा उत्तराखंड के उत्तरकाशी के ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा से डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग में हुआ. इस सुरंग का एक हिस्सा अचानक टूट गया और यहां पर काम कर रहे करीब 41 श्रमिक अंदर फंस गए. ये हादसा करीब चार बजे हुआ जब इस चार किलोमीटर लंबी निर्माणाधीन सुरंग का करीब 150 मीटर हिस्सा टूट गया. वहीं अब इस घटना को हुए 1 हफ्ते का समय हो गया है लेकिन अभी तक इस सुरंग के अन्दर फंसे श्रमिकों को बचाया नहीं जा सका.
6 दिनों से जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन
उत्तरकाशी टनल हादसे में फंसे मजदूरों को 6 दिनों से रेस्क्यू करने का काम जारी है जिसमें एनडीआरएफ, एसडीआरएफ समेत कई नागरिक सुरक्षा बलों के जवान जुटे हुए हैं लेकिन अभी तक इन 40 श्रमिकों को बचाया नही जा सका है.
वहीं इस घटना को लेकर उत्तरकाशी के एसएसपी ने बताया कि सुरंग में फंसे हुए मज़दूरों को निकलने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है साथ ही ये भी बताया कि अंदर फंसे मज़दूर ठीक हालत में हैं. उन्होंने ये भी कहा कि मज़दूरों को ऑक्सीजन पानी और खाने का सामान पहुँचाया जा रहा है. वो अंदर दो किलोमीटर तक चल सकते हैं. उनकी मानसिक हालत भी ठीक है.
मज़दूरों को बचाने के लिए उठाये गये ये कदम
वहीँ मज़दूरों को रेस्क्यू करने के लिए 24 मीटर तक ड्रिल कर दिया गया है, टनल में लगे सरिये खुदाई करने में परेशानी खड़ा कर रहे हैं साथ ही शुक्रवार को प्रशासन के द्वारा बड़ी मॉकड्रिल भी कराई गई है जिससे हर परिस्थिति में अभियान चलाया जा सके. टनल में हैवी ड्रिलिंग मशीन से ड्रिलिंग की कार्यवाही युद्धस्तर पर चल रही है. मौके पर तैनात पुलिस व आपदामोचन बल पुरी तरीके से अलर्ट है.
वहीं मजदूरों को सुरंग से बाहर निकलने के लिए अब तक 6 पाइप लाइन डाली जा चुकी हैं और चार और डाली जानी हैं. एक पाइप की लंबाई लगभग 6 मीटर की है जब की चौड़ाई 3 फीट है. जिस मलबे को हटाना है उसकी लंबाई 70 फीट तक बताई जा रही है. अब तक कुल 24 मीटर तक ही खुदाई हो पाई है.
वहीँ पुलिस, NDRF, SDRF, ITBP, मेडिकल टीमों व अन्य आपदामोचन बलों द्वारा श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने व जरुरत पड़ने पर अन्य आपातालीन कवायदों का मॉक अभ्यास करवाया जा रहा है.
पहले तपोवन सुरंग में हुआ था हादसा
आपको बता दें, चार धाम रोड प्रोजेक्ट के तहत ये ऑल वेदर (हर मौसम में खुली रहने वाली) टनल बनाई जा रही है. इसके बनने के बाद उत्तरकाशी से यमुनोत्री धाम के बीच की दूरी 26 किमी तक कम हो जाएगी.
वहीँ इससे पहले उत्तराखंड के चमोली जिले में 2021 में भी तपोवन सुरंग के अंदर मजदूर फंस गए थे. तमाम मशक्कत के बाद भी मजदूरों को नहीं बचाया जा सका था. इस हादसे में 53 मजदूरों की मौत हो गई थी.
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