नीतीश कैबिनेट के लगभग 64 फीसदी मंत्री दागी, तेजस्वी ने विधानसभा अध्यक्ष को सौंपी लिस्ट

नीतीश कैबिनेट के लगभग 64 फीसदी मंत्री दागी, तेजस्वी ने विधानसभा अध्यक्ष को सौंपी लिस्ट

बिहार की सियासत में इन दिनों कई मुद्दों को लेकर नीतीश सरकार विपक्षी पार्टियों के निशाने पर है। नीतीश कैबिनेट (Nitish Cabinet) में शामिल एक मंत्री के यहां से कथित तौर पर शराब की बरामदगी हुई थी। जिसके बाद से ही प्रदेश की सियासत में हड़कंप मचा हुआ है। 

इसी बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने नीतीश कैबिनेट में शामिल दागी मंत्रियों को लेकर बिहार सरकार पर हमला बोला है। आज शुक्रवार को उन्होंने विधानसभा में इस मसले को उठाया और विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा (Vijay Sinha) को दागी मंत्रियों की लिस्ट भी सौंप दी है।

64 फीसदी मंत्री दागी

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 (Bihar Assembly Election 2020) में जीत हासिल कर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के नेतृत्व में एनडीए गठबंधन (NDA Alliance) ने सरकार बनाई है। लेकिन नीतीश कुमार के कैबिनेट में इस बार वैसे नेताओं की अधिकता है जिनका बैकग्राउंड कुछ बेहतर नहीं रहा है। कैबिनेट में शामिल करीब 64 फीसदी मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। 

वहीं, नीतीश कैबिनेट के 31 में से 14 मंत्रियों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज है। जिसमें हत्या, लूट, यौन शोषण, आर्म्स एक्ट, भ्रष्टाचार, जालसाजी और धोखाधड़ी जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं।

तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने चुनावी सुधारों के लिए काम करने वाली संस्था एडीआर (ADR) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि ‘31 मंत्रियों में से 18 यानी 64 प्रतिशत मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। 18 में 14 मंत्री पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं, उन आपराधिक मामलों का व्यक्तिगत डाटा भी मैं विधान सभा अध्यक्ष को सौपने जा रहा हूं।‘

इससे पहले भी तेजस्वी ने उठाए थे सवाल

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इससे पहले भी इस मामले  लेकर नीतीश सरकार पर हमला बोल चुके हैं। पिछले महीने RJD नेता और बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस मामले को लेकर सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने राज्य सरकार के रवैये को लेकर भी सवाल उठाए थे। तेजस्वी यादव ने कहा था कि जिस सरकार के 60 फीसदी मंत्री दागी हैं, उसके मुखिया को पद पर बन रहने का कोई अधिकार नहीं। 

इन मंत्रियों पर दर्ज हैं आपराधिक मामले

बता दें, 2020 में सरकार बनने के तुरंत बाद हुए मंत्रिमंडल विस्तार में कई विधायकों को कैबिनेट में शामिल किया गया था। तब भ्रष्टाचार के आरोपी मेवालाल चौधरी को नीतीश मंत्रिमंडल में शिक्षा मंत्री का पद दिया गया था। जिसके बाद विपक्षी पार्टियों ने मेवालाल चौधरी को मंत्री बनाने पर सवाल उठाए थे। जब मामला ज्यादा तूल पकड़ने लगा तब उन्हें मंत्री पद से हटा दिया गया था।

मौजूदा समय में बिहार कैबिनेट में शामिल मदन सहनी, प्रमोद कुमार, लेसी सिंह, नीरज कुमार सिंह, सुभाष सिंह, सुमित कुमार सिंह, आलोक रंजन, मोहम्मद जमा खान, मुकेश सहनी, जीवेश कुमार समेत कई मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। उसके बावजूद उन्हें नीतीश मंत्रिमंडल में जगह दी गई है।

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