Tahawwur Rana NIA Custody: मुंबई में 2008 में हुए भयानक आतंकी हमलों में शामिल आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को आखिरकार अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है। वर्षों की कानूनी लड़ाई और कूटनीतिक प्रयासों के बाद भारत को यह बड़ी सफलता मिली है। राणा को गुरुवार शाम एक विशेष विमान से दिल्ली लाया गया, जहां पालम एयरपोर्ट पर NIA की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
रात में ही उसे पटियाला हाउस कोर्ट स्थित विशेष NIA अदालत में पेश किया गया। एजेंसी ने कोर्ट से 20 दिन की रिमांड की मांग की, लेकिन लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने 18 दिनों की कस्टडी मंजूर की। अब राणा से पूछताछ का सिलसिला तेज हो गया है।
कड़ी सुरक्षा में रखा गया है तहव्वुर राणा– Tahawwur Rana NIA Custody
फिलहाल तहव्वुर राणा को दिल्ली के CGO कॉम्प्लेक्स स्थित NIA मुख्यालय की एक अति-सुरक्षित सेल में रखा गया है। इस सेल को खासतौर पर आतंकी मामलों के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें चौबीसों घंटे निगरानी रहती है। सुरक्षा की जिम्मेदारी SWAT टीम, दिल्ली पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के पास है।
इस बख्तरबंद सेल में CCTV कैमरे, बायोमेट्रिक लॉक और मोशन सेंसर जैसी अत्याधुनिक निगरानी तकनीकें मौजूद हैं। राणा की हर हरकत पर पैनी नजर रखी जा रही है, ताकि कोई भी सुरक्षा चूक न हो।
NIA ने शुरू की पूछताछ
एनआईए की ओर से तहव्वुर राणा से पूछताछ का सिलसिला आज सुबह 10 बजे से शुरू हुआ। इस दौरान एसपी और डीएसपी रैंक के अधिकारी उससे गहन पूछताछ कर रहे हैं। जांच एजेंसी के इंटेरोगेशन रूम में कैमरों की निगरानी में पूछताछ की जा रही है। संभावना है कि 18 दिन की रिमांड के बाद उसे तिहाड़ जेल में स्थानांतरित किया जा सकता है और जरूरत पड़ने पर मुंबई भी ले जाया जा सकता है।
राणा का आतंक से रिश्ता
तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। एक समय वह पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर रह चुका है। 1997 में वह कनाडा चला गया, जहां उसने और उसकी पत्नी ने 2001 में नागरिकता प्राप्त की। जांच में सामने आया है कि राणा लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठन से जुड़ा हुआ है, जो 26/11 हमलों के लिए जिम्मेदार है।
राणा का करीबी रिश्ता डेविड कोलमैन हेडली से रहा है, जो 26/11 हमलों का मुख्य साजिशकर्ता था। हेडली ने हमलों से पहले मुंबई में कई बार रेकी की थी, और इन गतिविधियों में राणा ने उसे वित्तीय और लॉजिस्टिक मदद दी थी। एनआईए के पास दोनों के बीच हुए ईमेल्स मौजूद हैं, जिनमें हमलों की साजिश और अन्य आतंकियों की भूमिका का जिक्र है।
पूछताछ के अहम बिंदु
एनआईए की ओर से राणा से जिन बिंदुओं पर पूछताछ होनी है, उनमें प्रमुख हैं – मुंबई हमले की साजिश में उसकी भूमिका, डेविड हेडली को भारत में वीजा दिलाने में उसकी भूमिका, भारत में किन लोगों से उसकी मुलाकात हुई, और उसका विदेशी नेटवर्क किन-किन आतंकियों से जुड़ा हुआ था।
एनआईए ने अदालत में यह भी कहा कि उनके पास ऐसे मजबूत सबूत हैं – जैसे ईमेल्स और डिजिटल रिकॉर्ड – जिनके आधार पर राणा से पूछताछ करना जरूरी है। ऐसे में 18 दिनों की हिरासत जांच एजेंसी के लिए बेहद अहम मानी जा रही है।
भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत
तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण कोई आसान प्रक्रिया नहीं थी। अमेरिका में यह मामला कई सालों तक कानूनी पेंच में उलझा रहा। भारत की ओर से लगातार प्रयास किए गए, और अंततः यह सफलता हाथ लगी। यह सिर्फ जांच एजेंसियों की नहीं, बल्कि भारत की कूटनीति की भी एक बड़ी जीत मानी जा रही है।
26/11 के हमलों ने देश को गहरा जख्म दिया था, जिसमें 166 लोगों की जान गई थी। अब जब उस साजिश में शामिल एक और अहम आरोपी भारत की हिरासत में है, तो उम्मीद की जा रही है कि इस मामले से जुड़े कई अनसुलझे पहलुओं पर से पर्दा उठेगा।