पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव खत्म हुए 2 महीनों से भी ज्यादा का वक्त हो गया। लेकिन लगता है कि इन चुनावों के मिली हार को लेकर बीजेपी में रार अब तक नहीं खत्म हुई। चुनाव से महीनों पहले ही बीजेपी बंगाल में काफी एक्टिव हो गई थीं और पार्टी के द्वारा 200 सीटें जीतने का दावा किया गया। लेकिन बंगाल में बीजेपी महज 77 सीटों पर ही सिमटकर रह गईं। जबकि TMC एक बार फिर पूर्ण बहुमत के साथ बंगाल की सत्ता पर काबिज होने में कामयाब हुई।
नेताओं का ओवरकॉन्फिडेंस बना हार की वजह?
बंगाल में बीजेपी को मिली इस हार को लेकर विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने इस हार का जिम्मेदार अपनी पार्टियों के नेताओं के ओवरकॉन्फिडेंस को ठहराया। रविवार को शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि पार्टी के कुछ नेताओं को ये लगने लगा था कि पार्टी बंगाल में 170 से अधिक सीट जीत रही हैं, जबकि इस दौरान जमीनी हकीकत पर किसी ने भी गौर नहीं किया।
‘जमीनी हकीकत नहीं समझ पाए नेता’
रविवार को पूर्वी मेदिनीपुर के चांदीपुर इलाके में रविवार को बीजेपी की इस बैठक हुई, जिसमें शुभेंदु अधिकारी ने ये बातें बोलीं। अधिकारी ने कहा कि कई नेताओं के ओवरकॉन्फिडेंस की वजह से जमीनी स्थिति को समझने में नाकामयाब हुए।
उन्होंने कहा कि चुनाव के पहले दो चरणों में हमारा प्रदर्शन अच्छा रहा। जिसकी वजह से हमारे कई नेता अति आत्मविश्वासी हो गए। उनको भरोसा हो गया कि चुनावों में बीजेपी 170-180 सीटें जीतने जा रही है। जिसके चलते उन्होंने जमीन पर काम नहीं किया और यही पार्टी को भारी पड़ा।
अधिकारी ने आगे ये भी कहा कि जितना जरूरी लक्ष्य निर्धारित करना होता है, उतना ही महत्वपूर्ण जमीनी स्तर पर काम करना भी होता है। जिसके लिए कड़ी मेहनत की जरूरत थीं।
अधिकारी के बयान पर TMC का तंज
वहीं हार के बाद बीजेपी में छिड़ी इस तकरार पर TMC की तरफ से भी तंज कसा गया। TMC प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि उनके कई नेता ये भविष्यवाणी कर रहे कि भगवा खेमा बंगाल में 200 सीटों पर जीत दर्ज करेगा। तो अब वो (शुभेंदु अधिकारी) दूसरों को गलत क्यों बता रहे? शुभेंदु ने बार बार ये दावा किया था कि उनकी पार्टी कम से कम 180 सीटें जीतेगीं? असल बात ये है कि वो बंगाल की नब्ज समझ ही नहीं पाएं, जो TMC को पता है।