बंगाल की सियासत का अब केंद्र बन चुका नंदीग्राम विधानसभा सीट पर पूरे देश की नजर टिकी हुई है। इस सीट पर ममता बनर्जी अपने पुराने साथी सुवेंदु अधिकारी को टक्कर दे रही है जो अब बीजेपी की टिकट पर चुनावी मैदान में हैं। आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। मेदिनीपुर के अंतर्गत आने वाला यह सीट अधिकारी परिवार का गढ़ माना जाता है।
लेकिन गौर करने वाली बात यह भी है कि नंदीग्राम आंदोलन (Nandigram Movement) से ही ममता बनर्जी सुर्खियों में आई थी और बंगाल से लेफ्ट के शासन को उखाड़ फेका था। इसी बीच बीजेपी नेता और ममता बनर्जी के प्रतिद्वंदी सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया है कि ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने नंदीग्राम में नामांकन दाखिल करने के दौरान 6 आपराधिक मामले की जानकारी नहीं दी है।
ममता बनर्जी का नामांकन रद्द करने की मांग
नंदीग्राम सीट से बीजेपी उम्मीदवार सुवेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर ममता बनर्जी पर आपराधिक मामलों को छुपाने का आरोप लगाते हुए सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश का हवाला दिया है और ममता बनर्जी का नामांकन रद्द करने की मांग की है। उन्होंने अपने पत्र में कहा, ममता बनर्जी के खिलाफ 6 आपराधिक मामले लंबित हैं, इनमें से 5 असम में और 1 सीबीआई के अधीन है।
लेकिन उन्होंने अपने हलफनामें में इसकी जानकारी नहीं दी है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि यदि हलफनामें में कोई उम्मीदवार आपराधिक मामले छिपाता है तो उसका नामांकन रद्द किया जा सकता है। सुवेंदु अधिकारी का कहना है कि इस आधार पर ममता बनर्जी का नामांकन रद्द किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि वह खुद भी झूठ बोल रही हैं और पूरे राज्य को झूठ के कगार पर खड़ी कर दी है।
2009 से TMC का है कब्जा
बता दें, नंदीग्राम की सीट पर 2009 से ही टीएमसी का कब्जा रहा है। 2016 में इस सीट पर सुवेंदु अधिकारी ने टीएमसी की टिकट पर ही जीत हासिल की थी। लेकिन अब वह बीजेपी की टिकट पर चुनावी दंगल में है। सुवेंदु अधिकारी को टक्कर देने के लिए ममता बनर्जी ने अपनी पारंपरिक भवानीपुर विधानसभा सीट को छोड़कर नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। इस सीट पर 1 अप्रैल को चुनाव होने वाले हैं। नंदीग्राम के मतादाता इस बार किसे अपने प्रतिनिधि के तौर पर चुनते हैं यह देखने वाली बात होगी।