बीते करीब 2 महीनों से नए कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी हैं। बीते साल नवंबर के महीने में किसानों ने केंद्र सरकार पर हल्ला बोल दिया और उन्होनें दिल्ली कूच करना शुरू कर दिया। दिल्ली बॉर्डर पर किसान जस के तस बने हुए हैं और तीनों कानूनों के वापस होने से पहले पीछे हटने को तैयार नहीं। मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा चुका, लेकिन अब तक सुलझा नहीं। सरकार किसानों को मनाने के लिए कई ऑफर दे चुकी है, लेकिन वो हर एक को ठुकरा रहे है और कानून वापस लेने की मांग पर ही अड़े हैं।
सिंघु बॉर्डर पर पकड़ा गया शूटर
वहीं इसी बीच गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी के दिन किसान आंदोलन और तेज करने के प्लान में हैं। वो ट्रैक्टर रैली निकालने की बात कर रहे है। इसी दौरान शुक्रवार रात को किसान संगठनों ने आंदोलन में साजिश रखने का बड़ा आरोप लगाया। शुक्रवार को किसानों ने सिंघु बॉर्डर से एक संदिग्ध शख्स पकड़ा।
इस व्यक्ति को पकड़ने के बाद किसान नेता मीडिया के सामने आए और उन्होनें बताया कि ये संदिग्ध ट्रैक्टर मार्च के दौरान 4 किसान नेताओं को गोली मारने की साजिश रच रहा था। किसानों के इस दावे ने हर किसी को हैरान करके रख दिया।
शूटर ने किए ये हैरान कर देने वाले दावे
पकड़े गए संदिग्ध ने किसान नेताओं को गोली मारने का निर्देश देने का आरोप हरियाणा पुलिस के एक अफसर प्रदीप पर लगाया है। हालांकि इस दावे को लेकर ना तो सरकार और ना ही हरियाणा पुलिस ने कोई बयान नहीं दिया। संदिग्ध व्यक्ति को पुलिस के हवाले किया गया है।
पकड़े गए इस शूटर ने दिल्ली पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। उसने बताया कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली में गोली चलाकर वो माहौल खराब करने वाला था। संदिग्ध ने बताया कि 23 से 26 जनवरी के बीच में उसको किसान नेताओं को गोली मारनी थी। साथ में महिलाओं का काम लोगों को भड़काना था। सिर्फ इतना ही नहीं शूटर ने ये भी कबूल किया कि जाट आंदोलन के दौरान भी उसने माहौल बिगाड़ने का काम किया गया।
खबरों के मुताबिक पकड़े गए इस संदिग्ध का नाम योगेश बताया जा रहा है, जो हरियाणा के सोनीपत का रहने वाला है। रिपोर्ट्स के मुताबिक योगेश ने 9वीं क्लास तक पढ़ाई की है।
शूटर के दावा करते हुए बताया कि उनका प्लान 26 जनवरी को पहली लाइन पर गोली चलाने का था। जिसको फिर दिल्ली पुलिस रोकने की कोशिश करती। अगर वो फिर भी नहीं रुकते, तो इन पर गोली चलाने का ऑर्डर था। हमारी टीम जिसमें हरियाण के और 8-10 लड़के हैं, वो शूट करती। पुलिस को ऐसा लगेगा कि ये गोलियां किसानों ने चलाईं।
SHO पर लगाए ये गंभीर आरोप, लेकिन…
संदिग्ध ने आगे बताया कि ट्रैक्टर रैली में हमारी गैंग के आधे लोगों को पुलिस की वर्दी में होना था, जो किसानों को तितर-बितर करने का काम करते। फिर मंच पर 4 किसान नेताओं को शूट करना था। उन चारों की फोटो हमको दे दी गई थी। हमें ये काम प्रदीप सिंह ने सौंपा था, जो राई थाने के SHO है। हमने उसको कभी भी नहीं देखा। वो हमेशा अपना फेस कवर करते ही आता था। हमने उसका बैज देखा। जिन 4 लोगों को मारने के लिए हमें कहा गया, हमें उनका नाम नहीं पता, केवल तस्वीर है उनकी हमारी पास। लेकिन सामने ये भी बात आ रही है कि प्रदीप नाम का कोई SHO राई थाने में है हीं। जिसके चलते शूटर के दावों पर सवाल उठ रहे हैं।
गौरतलब है कि संदिग्ध द्वारा किए गए दावों ने हर किसी को चौंका कर रख दिया है। सोशल मीडिया पर इसको लेकर खासा चर्चाएं हो रही हैं। कोई इसे राजनीतिक साजिश करार दे रहा, तो कुछ लोग शूटर के किए दावों पर सवाल उठाते हुए इसकी जांच करने की बात कह रहे हैं। फिलहाल शूटर पुलिस की गिरफ्त में हैं और उससे पूछताछ की जा रही है।