देश में कोरोना के मामले काफी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। कई राज्यों ने हालात को संभालने के लिए पूर्ण लॉकडाउन लगा दिया है। केंद्र सरकार भी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। बैठकों का दौर जारी है, पीएम नरेंद्र मोदी समेत तमाम बड़े अधिकारी लगातार बैठक कर रहे हैं और अहम फैसले लिए जा रहे हैं।
देश में वैक्सीनेशन का काम जोरों पर है। लेकिन बावजूद इसके देश में कोरोना काफी विकराल रुप देखने को मिल रहा है। देश में पिछले 24 घंटे में 3,70,059 नए मामले सामने आए हैं और साथ ही कोरोना संक्रमण के कारण 3417 लोगों की मौत हो गई है। कोरोना के स्थिति को देखते हुए अब सुप्रीम कोर्ट भी एक्शन में आ गया है।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से केंद्र और राज्य सरकारों को आदेश दिया गया है कि किसी भी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश में मरीज को पहचान पत्र न होने पर अस्पताल में भर्ती करने या फिर आवश्यक दवा देने से मना नहीं किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश
बीते दिन रविवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि वो दो सप्ताह के भीतर मरीजों को अस्पतालों में भर्ती करने को लेकर एक राष्ट्रीय नीति बनाए। साथ ही यह नीति सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ साझा की जाए लेकिन तब तक किसी मरीज़ को स्थानीय निवास प्रमाण पत्र या पहचान प्रमाण पत्र न होने पर अस्पताल में भर्ती करने से या ज़रूरी दवा देने से मना न किया जाए।
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा, ‘लोगों को उनके अपने भरोसे ज़रूरी उपकरणों की व्यवस्था करने के लिए छोड़ दिया गया है जिस कारण उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। अलग-अलग राज्य और स्थानीय प्रशासन अपने अलग-अलग नियमों का पालन कर रहे हैं। अलग-अलग अस्पतालों में मरीज़ों की भर्ती को लेकर अलग-अलग मानक हैं जिससे देश में अव्यवस्था की स्थिति पैदा हो रही है और अनिश्चितता बढ़ रही है। किसी भी सूरत में इस मामले में और देरी नहीं होनी चाहिए।‘
कोर्ट ने सरकार से आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत अपनी वैधानिक शक्ति का इस्तेमाल कर जरुरी राष्ट्रीय नीति बनाने का आदेश दिया जिसका सभी को पालन करना होगा। कोर्ट ने कहा कि ‘इस तरह की नीति का होना ये सुनिश्चित करेगा कि जिसे इलाज की जरूरत है उसे अस्पताल से खाली हाथ लौटना न पड़े, वो भी बिना उसकी ग़लती के।’
देश में 2.18 लाख से ज्यादा मौतें
बता दें, कोरोना को लेकर देश में हालात दिन प्रतिदिन बदतर होते जा रहे हैं। अस्पतालों में बेड्स, वेंटिलेटर्स और ऑक्सीजन आदि की कमी देखी जा रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या 34,13,642 पहुंच गई है और अभी तक 2,18,959 लोगों की मौत हो गई है। सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी ही देखने को मिल रही है।